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आत्महत्या



*अनुराग मून

क्यों ले लेते हैं लोग अपनी जान येI

ऐसे कितने होते हैं, परेशान ये ll

भूल जाते हैं किसी की अमानत हैं ये, 

माता पिता के प्यार की जमानत हैं ये l

समझ लेते हैं कैसे सस्ती जान ये ll

 

माना परेशानी आसान नहीं होतींl

इसका उत्तर आपकी जान नहीं होतीं ll

मानो हर परेशानी को एक अवसर l

आपकी जान सिर्फ आपकी जान नहीं होतीं ll

 

ईश्वर ग़र हम पर तूफ़ाँ लाता है l

उससे निकलने का द्वार भी बताता है ll

ऐसी कोई समस्या नहीं, जो हल नहीं होतीं l

आपकी जान सिर्फ आपकी जान नहीं होतीं ll

 

हम जहाँ होते हैं, वहाँ होना 

बहुतों के होते अरमान होते हैं l

कभी ना उठाना ऐसा कदम, 

कभी ना लेना अपनी जान l

ऐसों के परिवार जीवन भर परेशान होते हैं ll

*जयपुर 

 

 


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