*डॉ. अनिता जैन 'विपुला
हो गया जरूरी कुछ फ़ासला जिंदगी के लिए।
हर हाल में रखो तुम हौसला ज़िन्दगी के लिए।।
होकर खफ़ा कायनात जैसे कहर बरपा रही,
होगा कुछ तो अच्छा फ़ैसला ज़िन्दगी के लिए।
मुसीबत से घबराकर आस का दामन मत छोड़
होगा हल ज़िन्दगी का मसला ज़िन्दगी के लिए।
बड़े अरमानों से जो सजाये ख्वाबों के दरीचे,
है जरूरी साँसों का घोंसला ज़िन्दगी के लिए।
इस जलजले में घमण्ड की मीनारें ढहने दो,
नहीं चाहिये कोई ढकोसला ज़िन्दगी के लिए।
कुदरत की कद्र से होगा सब सुधार दुनिया में,
हर हाल में 'विपुला' बन वत्सला ज़िन्दगी के लिए !!
*डॉ. अनिता जैन 'विपुला, उदयपुर
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