म.प्र. साहित्य अकादमी भोपाल द्वारा नारदमुनि पुरस्कार से अलंकृत

सुरक्षाकर्मी और चिकित्सक



*शिव कुमार दुबे


समझ रहा है रब

कितना किया परेशान

दिन को रात और

रात को दिन बना

खूब करली मौज और मस्ती

कोई माना नहीं नियम

बनाकर अपनो से दूरी

बहुत ढाया जुल्म

सारी मर्यादा तोड़ी

सारे नियमों का किया उलंघन

सारे सुख पाने तुमने

जतन किये हज़ार

अब जब एक विषाणु ने

फाड़ दी तुम्हारी अंदाज

दुबक गए घर मे

बचाने अपनी जान

करते नही पालन नियमों का

दौड़ा दौड़ा कर पीटा तुमने

 भगवान को जो रहते तुम्हारे पास

अब लोकडौन का करो पालन

धो लो हाथ बार बार

मत निकलो घर से बाहर

बिना लगाए मास्क

लाते हो समान कही से

कर लो उसको साफ

मत छुओ अनजान चीजो को

यदि बचाना हो तुम्हे

अपनी जान

अब अपनो से भी बना लो दूरियाँ

पर दिली में रखो प्रेम और सद्भाव

कर दो मदद अपने आसपास

मत करो तिरस्कार जो हो

कोरोना पॉजिटिव आपके आसपास 

उसका करो सम्मान और बढ़ाओ

हौसला और स्वाभिमान

ताकि वह हमारे बीच 

रह सके प्यार और विश्वास से

आज का भगवान है

सुरक्षाकर्मी और चिकित्सक

करो इनका धन्यवाद

ये बचाएंगे तुम्हारी जान

 

*शिव कुमार दुबे इंदौर

 


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