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ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय वेबिनार


अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार रूसी भारतीय मैत्री संघ दिशा मास्को (रूस )एवं हिंदी साहित्य की त्रैमासिक सृजन परिक्रमा "इंदु संचेतना " (चीन )के सहयोग से दो दिवसीय ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय वेबिनार 13 एवं 14 मई 2020 को "प्रवासी भाषा साहित्य और समाज " ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के द्वितीय दिवस समापन सत्र में अध्यक्ष पद और प्रख्यात समीक्षा एवं भाषाविद डॉ . विनय कुमार पाठक (पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग)ने अपने विचार रखते हुए कहा कि प्रवासी साहित्य को मुख्य धारा में लाना आज की समय की माँग है कुछ लोग इसे द्वितीय कोटि का साहित्य मानकर उपेक्षा करते हैं जो आलोचना की दृष्टि से न्यायसंगत कदापि नहीं है। जमीन से कटकर और भाषा साहित्य संस्कृति से हटकर बेगाने देश में अपने अपनी संस्कृति के प्रचार करने वाले प्रवासी साहित्यकारों का सम्मान करना चाहिए उन्होंने कार्यक्रम में इस महत्वपूर्ण विषय को उठाने के लिए डॉ. मोनिका देवी संयोजक की सराहना की और इसे प्रवासी साहित्य के रूप में स्थापित करने हेतु उचित कदम बताया । इस संगोष्ठी में मुख्य रूप से उपस्थित अतिथि एवं वक्ता थे - अध्यक्ष माननीय रामेश्वर सिंह (अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार रूसी भारतीय मैत्री संघ दिशा मास्को) मुख्य अतिथि प्रोफेसर गंगा प्रसाद शर्मा (संपादक इंदु संचेतना त्रैमासिक पत्रिका चीन) मुख्य वक्ता माननीय कपिल कुमार (अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय हिंदी संस्थान एशिया यूरोप बेल्जियम) मुख्य अतिथि माननीय सुदर्शन (वशिष्ठ साहित्यकार पूर्व उपनिदेशक सांस्कृतिक विभाग सचिव अध्यक्ष हिमाचल कला भाषा संस्कृति अकादमी) एवं मुख्य वक्ता माननीय विनय कुमार शुक्ला (उप संयोजक इंदु संचेतना पत्रिका चीन) की गरिमामय उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल एवं सराहनीय बनाया । अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में छत्तीसगढ़ से डॉ .अनिता सिंह, डॉ. प्रीती प्रसाद ,डॉ . चंद्रशेखर सिंह ,रामेश्वर गुप्ता डॉ.बालगोविन्द अग्रवाल ने भी सहभागिता निभाई ।


 


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