Subscribe Us

माँ ! कैसे करूं  मैं तेरी गुणगान



*सुरेश शर्मा

मैं तेरे समक्ष एक तुच्छ सा तिनका ,

माँ ! कैसे करूं  मैं तेरी गुणगान ।
सारे जहां मे ढूंढा ना मिला तुमसा ,
फींका  लगा दुनिया के सारे  भगवान ।

कितना भी कष्ट और दुःख दर्द क्यों ना हो ,
माँ ! तुझे  पाकर खिल जाती  मुस्कान ।
तेरी प्यारी सी ममताभरी स्पर्श में आते हीं ,
मिट जाती है दिनभर की सारी थकान ।

तुम हो तो  जीवन में खुशियों की बौछार ,
माँ ! तुम नही तो मेरी सारी दुनिया वीरान ।
तुमसे ही जुड़ी हुई है जिन्दगी की हर विकास
तुम ही हो मेरी गुरुकुल मेरी  शिक्षण संस्थान ।

*सुरेश शर्मा,गुवाहाटी(आसाम)

 


साहित्य, कला, संस्कृति और समाज से जुड़ी लेख/रचनाएँ/समाचार अब नये वेब पोर्टल  शाश्वत सृजन पर देखेhttp://shashwatsrijan.comयूटूयुब चैनल देखें और सब्सक्राइब करे- https://www.youtube.com/channel/UCpRyX9VM7WEY39QytlBjZiw 



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ