*डॉ.अनिल शर्मा'अनिल'
हे गुरुदेव कविमना महान !
बहुमुखी प्रतिभा संपन्न विद्वान।
शत-शत है तुम्हें नमन मेरा,
कविताएं तेरी बनी राष्ट्रगान ।।
दार्शनिक, चिंतक और चित्रकार,
थे निपुण शास्त्रीय संगीतकार ।
विपुल साहित्य रचना की,
पाया साहित्य नोबल पुरस्कार।।
संस्थापक शांति निकेतन के,
तुम प्रिय रहे हर जन मन के।
नाटक और कहानियां गुरुदेव,
लगते प्रसंग हर जीवन के।।
किए कार्य सतत और अविराम,
उनसे ही पूजित तेरा नाम।
इस जयंती पर्व पर कोटि नमन,
है गुरुदेव कोटि प्रणाम।।
*डॉ.अनिल शर्मा'अनिल'
धामपुर,उत्तर प्रदेश
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