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बिन बुलाए मेहमान को चेतावनी


 


*नीरज मिश्रा

आज अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चौपट हो गई अगर संचार कांति भी ठेंगा दिखा दे तो हम सब 1935 व 1940 के युग में चले जाएंगे। तब भी दिन अच्छे थे कम से कम तब बैलगाड़ी तो थी पर आज वह भी नहीं। आज सारी व्यवस्थाओं पर अलीगढ़ का बड़ा सातारा लगा है। सबसे ज्यादा बुरी स्थिति तो शिक्षा व्यवस्था की है। ऑनलाइन टीचिंग और ऑनलाइन स्टडी महज एक ताश के पत्तों का खेल बन कर रह गया।पढ़ाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं बस किताबों से फोटो खींचकर बच्चों को कोर्स के नाम पर परोस देते हैं। बच्चों को भी बहाना बनाने में मजा आ रहा है जी नेट नहीं चल रहा हम पढ़े तो कैसे? एफबी पर तो नेट खूब चलता लेकिन पढ़ाई पर नेट धोखा दे जाता नेट भी बहुत पक्षपात करने लगा है।

शुरुआत तो हो गई पर व्यवस्था धड़ाम अब हर किसी के पास तो स्मार्टफोन है नहीं यह भारत है भारत जहां हर व्यक्ति के पास अपने ही कमी नहीं होती यहां तो दूल्हा भी अपनी ही शादी में शेरवानी मांग कर काम चला लेता है एक दिन की ही तो बात है फिर बात स्मार्टफोन की हो एक से ही पूरे घर का काम चलता है अपने अपने बारे में सभी अपनी अपनी बारी का ऐसे ही इंतजार करते हैं जैसे लड़के की शादी में समधोरा के लिए समधी अपनी अपनी बारी का इंतजार करते हैं। आजकल शिक्षक व बच्चे अपना सीना तान कर घूम रहे हैं शिक्षक ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं और बच्चे ऑनलाइन पढ़ रहे हैं जता तो ऐसे रहे हैं जैसे अमेरिका इन्हीं के भरोसे चल रहा है इन्हीं से सब कुछ सीख रहा है। जब सारे देशों के जुगाड़ खत्म हो जाते हैं तो भारत के जुगाड़ काम आते हैं बच्चे भी कम नहीं फोन ऑनलाइन दिखा कर फुल मस्ती प्रोग्राम चालू और पढ़ाई मां-बाप की बच्चों की मौत तो मौत जैसे डिग्री तो मां बाप के नाम पर ही आनी है।

कोरोनावायरस आपसे एक विनती है अब इस देश में ज्यादा मत देखना क्योंकि चार-पांच दिन के मेहमान की तो खूब खातिरदारी होती हैं पर इसके बाद उसकी स्थिति तो फिर पूछिए ही मत। आप के खिलाफ साजिश शुरू हो गई यह जो शराबी भाई हैं यह आप से तंग आ चुके हैं आप की खातिरदारी करते करते। अब यह शराब की बोतल में आपको भरकर आपका दम वोट देंगे गर्मी से तो आपको डर लगता नहीं लेकिन अल्कोहल आपकी तो जान ही ले लेगा। अतः आपसे निवेदन है आप अपने वतन वापस लौट जाएं हमारे देश में शराब की इतनी ज्यादा मात्रा है कि अगर सैनिटाइजर की जगह कहीं शराब का ठेका होने लगा तो आपकी तो खैर नहीं फिर मत कहना" बड़े बेआबरू होकर निकले उनकी महफिल से"

 बाकी आप जानो यह भारत है भारत ,जब एक युवराज मैच की आखिरी ओवर में छह छक्के मारकर भारत को विश्वकप वापस ला सकता है या क्यों यूं कह लो हारते हारते अपनी हार जीत में बदल सकता है तो फिर यह तो 135 करोड़ जनता है आपका क्या हाल करेगी बाकी आप जानो।

 

*नीरज मिश्रा,उरई, जालौन ,उत्तर प्रदेश

 


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