*रामगोपाल राही
वनस्पति जीव धरा पर ,
सभी विशेषता दर्शाते |
जीव जंतु प्रजाति भिन्नता ,
जैव विविधता बतलाते ||
पेड़ प्रजाति वन वनस्पति ,
अभयारण्य धरती पर |
यह धरती के आभूषण हैं ,
रहे हमेशा धरती पर ||
बिना पेड़ पौधों के समझो ,
बढ़े रुग्णता धरती की |
हरी भरी धरती हो सारी ,
सेहत सुधरे धरती की ||
सबसे पहले जीव जंतु ही ,
समझो आए धरती पर |
जैव विविधता सर्जक इन्हीं से ,
रहे संतुलन है धरती पर ||
जैव विविधता संरक्षण की ,
समझो बहुत जरूरत है |
अगनित जीव प्रजाति रक्षा ,
करना बहुत जरूरी है ||
हमसे पहले जीव जंतु सब ,
आए पेड़ ही धरती पर |
सुंदरता संग हवा साथ में ,
पेड़ ही लाए धरती पर ||
वन नदियाँ पर्वत व सागर ,
अंग है समझो सृष्टि के |
वन वनस्पति जीव जंतु सब ,
कल पुर्जे हैं सृष्टि के ||
जीव जंतु की कई प्रजाति ,
नष्ट हुई व हो रही है |
जैव विविधता क्षति अपरिमित ,
समझो सचमुच हो रही है ||
जैव विविधता संरक्षण का ,
सबको अलख जगाना है |
वन वनस्पति जीव प्रजाति ,
सबको हमें बचाना है ||
*रामगोपाल राही लाखेरी
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