*अनामिका सोनी
अंतर्मन से मिटा दें तम को,
मन में आशा किरण भरे।
दीप से दीप जला चहुँओर
नई ऊर्जा का आलोक करें ।।
अंधकार की जीत ना हो,
प्रण ऐसा कर लें यदि सभी
जहां-जहां है तम की सेना
मिट जाएगी पल में तभी।।
ज्योति दीप से मिलकर
आओ अंधकार को नष्ट करें
दीप से दीप जला चहुँओर
नई उर्जा का आलोक करें ।।
मिलकर दीप जलाऐं ऐसी
दीप मालिका बन जाए।
दुःख ,पीड़ा घनघोर निराशा
इसी ज्योति में जल जाए।।
जग में छाई कठिन घड़ी में
जीत का हम शंखनाद करें
दीप से दीप जला चहुँओर
नई उर्जा का आलोक करें।।
*अनामिका सोनी, उज्जैन
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