म.प्र. साहित्य अकादमी भोपाल द्वारा नारदमुनि पुरस्कार से अलंकृत

मान ले रे इंसा



*विभोर अग्रवाल


देखकर रोज बढ़ती संख्या
दिल मेरा घबराता जाये
कैसे समझाऊ तुम्हे
केवल घर रहना ही एक उपाय


मत भूलो पुरानी गलतियां
समय रहते सबक लिया जाये
अमेरिका ने की थी वो ही गलतियां
आज वो डूबा जाये


ऎ मेरे देश के इंसा
आज मान ले मेरी बात
कर ले लॉकडाउन का पालन
वरना बातों मे ही किया जायेगा याद



*विभोर अग्रवाल
धामपुर जिला बिजनौर


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