*सुषमा दिक्षित शुक्ला
दुनिया भर में कोरोनावायरस को लेकर तमाम तरह की जानकारियां सामने आ रही हैं, इनमें से कई जानकारियां भ्रामक भी होती हैं। इस समय पर अभिभावक की यह जिम्मेदारी है की सही व तथ्यपरक जानकारी ही अपने बच्चे को दें। कोरोनावायरस के बारे में बच्चों की वैज्ञानिक समझ को विकसित करना हर अभिभावक की जिम्मेदारी है ।ऐसे में बच्चो से खुलकर बात करनी चाहिए उनकी बात सुननी भी चाहिए। बच्चों के मन में उठ रहे सवालों को नजरअंदाज ना करें। बच्चों के जेहन में तमाम सवाल उठते होंगे,जैसे कि मेरा स्कूल क्यों बंद है ? वायरस क्या है ? कैसा दिखता है ?घर पर क्यों रह रहे हैं? इस समय बार-बार हाथ क्यों धोना है ?अपने दोस्तों के साथ में बाहर क्यों नहीं जा सकता ? दर्जनों सवाल बच्चों के मन मस्तिष्क में इस समय निश्चित रूप से उठ रहे हैं तो अभिभावक सही जानकारी देकर उनकी जिज्ञासा को दूर करें ।अलग-अलग उम्र के हिसाब से बच्चों की मानसिक क्षमता अलग अलग होती है ।
8 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे तकनीक में काफी एडवांस होते हैं, ऐसे में जरूरी है किउन्हें गेम्स या कुछ एक्टिविटीज से जोड़ा जाए ,एवं अच्छी ज्ञानवर्धक पुस्तके उनके उम्र के अनुसार पढ़ने को प्रेरित कर सकते हैं। बच्चों का रूटीन बनाएं और परिस्थिति से मानसिक सामंजस्य बिठाने के अनुरूप तैयार करने की कोशिश करें ।उनकी कार्मिक एवं व्यवहारिक दक्षता बढ़ाने हेतु उन्हें घर के कामों में शामिल करें ।घर की सफाई के काम सिखाएं ।पूरे परिवार को चाहिए कि एक साथ बैठकर ज्ञानवर्धक प्रोग्राम देखें, ध्यान रहे लॉक डाउन के कारण बच्चो के बाल मन मे किसी तरह की नेगेटिविटी नहीं आनी चाहिए ।इस समय उनके साथ बैठकर ज्ञानवर्धक व फनी प्रोग्राम देखें। उनका रुटीन खराब न होने पाये यह बात विशेष रूप ध्यान देनी है। उनको यूट्यूब से पढ़ने के लिए भी प्रेरित करें। आजकल आन लाइन क्लासेज भी शुरू की गई हैं उनके माध्यम से बच्चो की पढ़ाई को सुचारू रूप से जारी रखें एवं
ऐसे में बच्चो की फिजिकल एक्टिविटीज पर ध्यान देना भी परम आवश्यक है। अगर बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी रुक जाएगी तो उनका मानसिक एवं शारीरिक विकास भी प्रभावित होगा ।उनको हेल्थी डाइट देने की जरूरत है ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे एवं उनका शरीर फिट रहें। इस समय कोरोनावायरस के तहत लॉक डाउन के कारण बाहर के जंक फूड से मुक्ति मिली हुई है ,यह भी अच्छी बात ही है ।परन्तु घर पर ही बच्चो के रुचिकर स्वादिष्ट डिस बनाकर देना चाहिए ।ताकि बच्चे खुश होकर अपने काम पूरे करें साथ बच्चों के लिए बहुत खेलना बहुत जरूरी है । अगर छत की बाउंड्री वाल मजबूत बनी है, तो वह सुबह शाम टेरिस पर कोई एक्टिविटी वाले खेल खेल सकते हैं ।घर के अंदर भी लूडो ,चेस आदि कोई मनपसंद इंडोर गेम बच्चों के साथ आप स्वयं भी खेलें ,बच्चों के मनोविज्ञान के अनुसार बच्चों को समूह मे खेलना बहुत पसन्द होता है ,ऐसे मे आप अपने बच्चो के साथ कोई खेल खेलें ,क्योंकि वह अपने दोस्तों से इस समय नहीं मिल सकते हैं ।बच्चों के साथ बैठकर कार्टून आदि प्रोग्राम देखें तो बच्चे मनोरंजन कर सकेंगे, आजकल टीवी पर धार्मिक एवं ज्ञान वर्धक सीरियल आ रहे हैं तो बच्चो को वह सब देखने के लिए प्रेरित करें ।जिससे उनका नैतिक एवं ऐतिहासिक ज्ञान इतिहास ज्ञान मजबूत होगा ,और बच्चे अच्छी बातें सीखेंगे ।
घर पर ही बच्चों के मनपसंद मनपसंद खाना फ्रेंच फ्राई ,बर्गर, सैंडविच बना कर दे सकते हैं जिससे बच्चे संतुष्ट रहेंगे और मन लगाकर पढ़ाई करेंगे और बाहर जाने को बार-बार आप नहीं तंग करेंगे। इस प्रकार लॉक डाउन के दौरान भी बच्चों की पढ़ाई ,खेलकूद ,सेहत और मनोरंजन को बेहतर बनाया जा सकता है ,ताकि लॉक डाउन का बच्चों के मासूम मन पर कोई बुरा प्रभाव न पड़ सके ।
*सुषमा दिक्षित शुक्ला, लखनऊ
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