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हमें नकारात्मक से सकारात्मक की ओर जाना है



*जितेन्द्र कुमार शर्मा 


मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना हिंदी हैं हम वतन है हिंदुस्तान हमारा। वर्तमान समय में यह कहावत तो बिल्कुल उल्टी दिखाई देती है। अगर आज इकबाल  होता तो ऐसा मंजर देखकर वह भी सोच रहा होता कि काश मैं कभी ऐसा देश भक्ति गीत ना लिखता  काश मेरे मन में कभी ऐसे देशभक्ति खयालात न आये होते। 

यह कहावत बहुत ही सटीक बैठती है आज के समय में जब हम देखते हैं कि लोग एक दूसरे के धर्मों को, लोग एक दूसरे की कृतियों को इस तरह से सामने लाते हैं कि केवल और केवल उनका मकसद है कि एक दूसरे की बुराइयां निकालना जो कि बहुत ही निंदनीय है हमने काफी कुछ ऐसी चीजें भी देखी है जहां पर लोग एक दूसरे का सपोर्ट करते हैं एक दूसरे को मदद करते हैं लेकिन आजकल की स्थिति में ऐसी चीजें नहीं देखने को मिलती है लोग लगे हैं  धड़ल्ले से डालने में एक दूसरे की बुराई और एक दूसरे के मजहब का मजाक उड़ाने में जैसा कल का ही कृत्य रहा।

हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र भाई मोदी जी द्वारा देश के सभी लोगों से आह्वान किया गया कि 9:00 बजे अपने घरों में सभी लाइटों को बंद कर के प्रकाश उत्सव मनाए तो जहाँ  तक मुझे लगता है कि नरेंद्र मोदी जी भारत के केवल प्रधानमंत्री ही नहीं वरन एक देशवासी भी है और एक देशवासी का अन्य देशवासियों से आह्वान यह दर्शाता है कि वह सभी को एक जैसा मानते हैं एक जैसा लेकर के चलते हैं लेकिन मेरे कुछ साथियों द्वारा इस दीप जलाने के पीछे लॉजिक ढूंढना इस दीप जलाने के पीछे हिंदुत्व को जोड़ना, इस दीप जलाने के पीछे कोरोना से इसका संबंध बताना काफी निंदनीय है ऐसी कौन सी वीडियो है जिसमें हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने लोगों से कहा है कि आप 9:09 तक अपने घरों में प्रकाश जलायें है और तो देश  कोरोना मुक्त हो जाएगा ऐसा कौन सी  वीडियो में कहा गया है मैं देखना चाहता हूं अरे यह एक प्रेरित राजा द्वारा अपनी प्रजा को सुखी एवं सकारात्मक विचार प्रदान करने के लिए समय-समय पर किए जाने वाले उपचार हैं जो हमारे प्रधानमंत्री जी द्वारा किए जा रहे हैं लोग बाग अपने घरों में हैं, काफी लोग ऐसे हैं जो इस समय कोरोना से प्रभावित हुए हैं इस संकट के समय में हमारे देश की चिकित्सक, सफाई कर्मचारी टीम, बैंक कर्मचारी, पुलिस सुरक्षा बल और अन्य काफी लोग इस महामारी से लोगों को बचाने के लिए अपने तन, मन, और जान तक की बाजी लगा रहे हैं तब ऐसी स्थिति में उनका हौसला अफजाई करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा यह आह्वान किया गया है कि हम प्रकाश पर्व मनाए और उन लोगों का हौसला अफजाई करें इस देश की एक बहुत ही बड़ी विडंबना है कि हमारे देश में किसी भी काम को करने से पहले ही उसको विवादों में ला दिया जाता है और उसको एक व्यक्तिगत धर्म व्यक्तिगत जाती व्यक्तिगत रंग-रूप आदि से जोड़ दिया जाता है जिस कारण हमारा देश कहने के लिए तो विविधता में एकता वाला सूत्र बांधा है परंतु यह वास्तव में आजकल हमारे पतन का सबसे बड़ा कारण हमारे देश में काफी लोग ऐसे हैं जो अपने ही मजहब का अपने ही धर्म का मजाक उड़ाते हैं।

ऐसे लिखने के लिए तो काफी कुछ है यदि हम हर बात को नकारात्मक रूप में देखें तो हर बात में नकारात्मक पहलू आपको नकारात्मक दृष्टिकोण मिलेगा ही लेकिन हमें नकारात्मक से सकारात्मक की ओर जाना है और यह कल का दिया जलाने का जो आह्वान था उसका सबसे बड़ा लॉजिक जो हम अपने व्यक्तिगत रूप से देखना चाहे तो यही होना चाहिए  नकारात्मक से सकारात्मक की ओर इसमें हम अपने जो मन में और दिल में दूसरे लोगों के लिए अंधकार बनाए बैठे हैं अपने खुद के अंदर के जो अंधकार को मिटाने के लिए हमने यह दिया जलाया है यही हमारे दिए जलाने का उद्देश्य रहा है और आगे भी हम इसी प्रकार से अपनेअपने प्रधानमंत्री का आह्वान का पालन करेंगे और एक बार नहीं सौ बार नहीं हजार बार लाखों बार इसी तरह आगे भी दिए जलाए और इस भारत को एक उन्नत राष्ट्र बनाएंगे।

 


*जितेन्द्र कुमार शर्मा 

जैतरा, धामपुर 


 


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