*डॉ साधना गुप्ता
सिखलाती जीव जगत से प्रेम भाव,संस्कार
आओ आज करें मातृभाषा का सत्कार ।
पंचम वर्ग का स्वर संग करें सन्धान,
क्रमशः करते ये मूलाधारादि को ऊर्जावान।
उच्चारण इनका मस्तिष्क को करता जाग्रत,
तर्क संग भावना का सन्तुलित विकास ।
सन्देश जीवन का, करता कौशल विकास,
धैर्य संग जीवन संघर्ष ,जीव मात्र से प्रेम भाव।
आत्मीयता,सोहार्द, स्वाभिमान जीवन की शान
हिंदी ,यह बिंदी भारत मां के भाल की।
सिखलाती जीव जगत से प्रेम भाव,संस्कार,
आओ आज करें मातृभाषा का सत्कार ।
*डॉ साधना गुप्ता ,झालवाड़ राजस्थान
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