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असामान्य मनोविज्ञान (PSYCHE TALK)





 

दोस्तों, Psyche talk( मन की बात ) श्रृंखला में हम ऐसे विषयों के ऊपर  बात करेंगे जो मनोविज्ञान से सीधे रूप में जुड़े हुए हैं विशेष रूप से असामान्य मनोविज्ञान (Abnormal psychology) से,जो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को बहुत अधिक प्रभावित करते हैं  जैसे तनाव, चिंता, विषाद, विभिन्न मनोवैज्ञानिक रोग जैसे सिजोफ्रेनिया ,फोबिया,ओ सी डी,व्यक्तित्व विकार ,निंद्रा विकार,मनोशारीरिक विकार आदि के अतिरिक्त हमारे मस्तिष्क में सामान्यतः उठने वाले सवाल जैसे हमें सपने क्यों आते हैं? नींद क्यों जरूरी है या हमारी नींद कैसी होनी चाहिए ?सम्मोहन क्या होता है ?आई क्यू (IQ)क्या है?IQ एवं EQ में ज्यादा महत्वपूर्ण क्या है? हमारे विकास में वातावरण अधिक महत्वपूर्ण है कि अनुवांशिकी ?विभ्रम क्या है ?भ्रम और विभ्रम में क्या अंतर है ?हम बहुत देर तक फोकस क्यों नहीं कर पाते?हमारा मस्तिष्क कैसे कार्य करता है ?आदि। इस श्रृंखला में आज बात करते है "असामान्य मनोविज्ञान" की। असामान्य मनोविज्ञान, मनोविज्ञान की ऐसी शाखा है जो व्यक्ति के असाधारण (extraordinary) विचारों ,भावनाओ,ज्ञान एवं क्रियाओं को वैज्ञानिक एवं क्रमबद्ध  रूप से समझने का प्रयास करती हैं। वास्तव में दोस्तों जो व्यक्ति, स्थिति ,वस्तु सामान्य नहीं है ,वही असामान्यता की श्रेणी में आते हैं।
 

आइए ABNORMAL शब्द को हम दूसरे तरीके से समझते हैं...

ABNORMAL=AB + NORMAL अर्थात Away from normal (सामान्य  से दूर)।जो सामान्य से दूर है वही असामान्य हैं। सामान्य से यह दूरी दोनों तरफ हो सकती है सामान्य से ऊपर की ओर(Upside from normal)भी और सामान्य से नीचे की ओर (Downside from normal)भी। इस तथ्य को हम  आगे उदाहरण के साथ समझेंगे।

दोस्तों हम सभी एक दूसरे से भिन्न है हम में से कोई खेल में अच्छा है,तो कोई पढ़ाई में,किसी को नृत्य एवं कला में रुचि है ,तो दुनिया के कोई छुपे रहस्य जानने के लिए उत्सुक हैं परंतु क्या इसी भिन्नता को हम असामान्य कहेगे ?नहीं दोस्तो !जब किसी व्यक्ति की कोई विशेषता दूसरे व्यक्ति से इतनी भिन्न हो कि एकदम विचित्र दिखाई पड़े, असाधारण हो तभी उसे असामान्य कहेंगे।उदाहरण के तौर पर यदि कोई अट्ठारह -उन्नीस साल का युवक 8- 9 साल के बच्चे की तरह व्यवहार करता है तो उसे हम abnormal कह देते हैं क्योंकि उसने सामान्य स्थिति से  काफी अलग  हट का व्यवहार किया और तुरंत ही हमारा ध्यान उस और आकर्षित हो गया अर्थात  सामान्य स्थिति से काफी नीचे जाकर (Downside)प्रदर्शन किया।

 

दूसरा उदाहरण लेते हैं एक कक्षा 5 में पढ़ने वाला विद्यार्थी यदि कक्षा 9 और 10 के  गणित के सवाल आसानी से हल कर पा रहा है तो हम उसे जीनियस कहते हैं क्योंकि उसका ज्ञान और क्रियाएं हमारा ध्यान तुरंत ही  उसकी ओर आकर्षित  करते हैं परंतु वास्तव में वह भी abnormal ही है,क्योंकि उसने सामान्य  स्थिति से बहुत ऊपर जाकर(upside) प्रदर्शन किया है।न्यूटन,आर्यभट्ट, चाणक्य,विवेकानंद ,थॉमस अल्वा एडिसन, स्टीफन हॉकिंग, डॉ अंबेडकर ,होमी जहांगीर भाभा,अमर्त्य सेन ,श्रीनिवासन,अलोन मस्क ,अब्दुल कलाम ,विक्रम साराभाई आदि ऐसे नाम है जो इसी असामान्य श्रेणी में ही आते हैं। कुछ असामान्यताएँ तो ऐसी होती हैं कि उनके कारण किसी की विशेष हानि नहीं होती, वे केवल आश्चर्य और कौतूहल का विषय होती हैं, किंतु कुछ असामान्यताएँ ऐसी होती हैं जिनके कारण व्यक्ति का अपना जीवन दु:खी, असफल और असमर्थ हो जाता है, पर उनसे दूसरों को विशेष कष्ट और हानि नहीं होती। उनको साधारण मानसिक रोग कहते हैं। जब मानसिक रोग इस प्रकार का हो जाए कि उससे दूसरे व्यक्तियों को भय, दु:ख, कष्ट और हानि होने लगे ते उसे पागलपन कहते हैं। पागलपन की मात्रा जब अधिक हो जाती है तो उस व्यक्ति को पागलखाने में रखा जाता है, ताकि वह स्वतंत्र रहकर दूसरों के लिए कष्टप्रद और हानिकारक न हो जाए।







 

उस समय और उन देशों में जब और जहाँ मनोविज्ञान का अधिक ज्ञान नहीं था, मनोरोगी और पागलों के संबंध में यह मिथ्या धारणा थी कि उनपर भूत, पिशाच या हैवान का प्रभाव पड़ गया है और वे उनमें से किसी के वश में होकर असामान्य व्यवहार करते हैं। उनको ठीक करने के लिए पूजा पाठ, मंत्र तंत्र और यंत्र आदि का प्रयोग होता था अथवा उनको बहुत मार पीटकर उनके शरीर से भूत पिशाच या शैतान भगाया जाता था।

 

आधुनिक समय में मनोविज्ञान ने इतनी उन्नति कर ली है कि अब मनोरोग, पागलपन और मनुष्य के असामान्य व्यवहार के कारण, स्वरूप और उपचार को बहुत लोग जान गए हैं।




दोस्तो इसी श्रृंखला में हम बेतहाशा भागती दौड़ती जिंदगी में हमारे लिए समस्या बन गए ऐसे विषय पर बात करेंगे जिसने हर आयु वर्ग के लोगों को अपने शिकंजे में कस रखा है। जी हाँ, हम बात करेंगे तनाव(stress)पर और उसके ऐसे कुछ ऐसे पहलुओं पर जिनको जानकर आप हैरान रह जाएंगे।



*सोनी जैन


(फ्रीलांस राइटर -मनोविज्ञान)


Mail Id - sonijain1203@gmail.com








 

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