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तिरंगे तुझकों मेरा प्रणाम















*पुखराज जैन 'पथिक'

जन जन मन में गूंज रहा तेरा गौरव गान,
तिरंगे तुझकों मेरा प्रणाम ।

आजादी का शंख बजा जब तूने नाम ये पाया ,

अंग्रेजों के सीने पर शान से तू लहराया ,

भारत माता के हाथों से मिला तुझें वरदान।

झंडा वंदन होकर जब शान से तू लहराता,

तूझे देखने बच्चा बच्चा तेरे सामने आता,

तूझकों शिष झूकाकर बढ़ जाती हमारी शान ।

 

जिसकों मिलता साया तेरा नामअमर हो जाता ,

उसकों अपनें जीवन का सारा सुख मिल जाता ,

सारे विश्व में तेरे नाम की एक अलग पहचान ।

तेरे खातिर कई वीरों ने दे दी अपनी बलिदानी ,

हंसते हंसते शीष कटाएं दे दी अपनी कुर्बानी ।

तेरा शीष न झूकनें देंगे तू है हमारी आन ।

 

तिरंगे तूझकों मेरा प्रणाम ।

 

*पुखराज जैन पथिक, नागदा


 


 














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