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आरोपी एनकाउंटर में मारे गए



*संगीता श्रीवास्तव सुमन*

ऐसे ही एनकाउंटर निर्भया और
बाकी केसेस में देखने को मिले |

ये कविता ख़ास , ये लिखते वक्त ही ये ख़बर आयी |

हर तरफ़ हवा दमघोट रही
सांसें धड़कन को, मर जाती |
कब बदलेगी फ़ितरत दुनिया
जो कीचड़ कभी उतर जाती |

इस ग़म की रात गुजर जाती
तुम हँस देती न, सँवर जाती |
ये मातम सा जो फैला है
ज़िन्दगी आसान कर जाती | 

ये भेद हमी ने हैं पाले
बहन भाई बराबर जाती |
संसद अदालत सियासत अब
वहशीयत देख सिहर जाती |

मन ,मन की बातों का मौसम
तू अपने मन ही धर जाती |
ऐ काश कयामत आ जाती
कोई खुशी दे ख़बर जाती |

*संगीता श्रीवास्तव सुमन






 






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