Subscribe Us

रात नयी है बात नयी है





*पुखराज पथिक*

रात नयी है बात नयी है ,
खुशियों की बरसात नयी है ,
सुबह नयी है शाम नयी है
दो दिलो में अरमान कई है ।

जाम नया है प्यास नयी है ,
जीवन की हर आस नयी है ,
घूंघट की यह आन नयी है ,
होठों पर यह मुस्कान नयी है ।

अब गीतों में चाल नयी है ,
धड़कन में हर ताल नयी है ,
पायल में झंकार नयी है ,
योवन की हुंकार नयी है ।

प्यार नया है राह नयी है ,
नव बंधन की चाह नयी है ,
सावन की फुहार नयी है ,
प्रियतम की मनुहार नयी है ।

 

*पुखराज पथिक, नागदा ज., उज्जैन




 






















शब्द प्रवाह में प्रकाशित आलेख/रचना/समाचार पर आपकी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया का स्वागत है-


अपने विचार भेजने के लिए मेल करे- shabdpravah.ujjain@gmail.com


या whatsapp करे 09406649733







एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ