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मर रही सम्वेदनाएँ,आओ जगाएं उन्हें



*डॉ साधना गुप्ता*

मर रही सम्वेदनाएँ,आओ जगाएं उन्हें 
दौड़ पड़ते थे कभी गिरते हुए को थामने

आज क्या हो गया?वो दर्द अब होता नहीं,

जल रहा था आदमी ,क्यो?बचाया ना उसे

जलते हुए का वीडियो ,बस बनाते रह गए 

वायरल कर  विडियो को, लाइक-कमेंट गिनते रहे

मर गया वह आदमी,पर बचाया ना उसे 

विज्ञान की इस अंधकारा से निकाले उसे

नष्ट होती संस्कृति को थामने आगे बढ़े

मर रही सम्वेदनाएँ,आओ जगाएं उन्हें  ।

 

*डॉ साधना गुप्ता कोटा,मो . 9530350325





 























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