Subscribe Us

जीत कर भी देखिए किस तरह हारा



*सुरजीत मान जलईया सिंह*



जीत कर भी देखिए किस तरह हारा।

है छुपा कुछ भी नहीं मुझसे तुम्हारा।

क्या खूब थी वो क्लास शिक्षाशास्त्र की।

शब्द कानों में है अब तक हर तुम्हारा।

पूछता हूँ बात ये सच सच बताना। 

किस पे होगा मिरी तरह हक तुम्हारा।

दूरियों के दरमियां भूला नहीं हूँ।

हाँ इसी सप्ताह जन्मदिन है तुम्हारा।

इतनी सिद्दत से वहाँ कचड़ा उठाने।

बाद मेरे कौन आयेगा तुम्हारा।

मुझे शायर समझती हो तो समझो।

मेरे लहजे में सब कुछ है तुम्हारा।

 

*सुरजीत मान जलईया सिंह, दुलियाजान, असम ,मोबाइल नम्बर-9997111311


 





















शब्द प्रवाह में प्रकाशित आलेख/रचना/समाचार पर आपकी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया का स्वागत है-


अपने विचार भेजने के लिए मेल करे- shabdpravah.ujjain@gmail.com


या whatsapp करे 09406649733







एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ