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बिलासपुर पुस्तक मेले का आगाज़


पुस्तकें साक्षर तो करती है आनंदित भी करती है- डॉ संजय अलंग






बिलासपुर। पुस्तकें आपको साक्षर तो करती है आनंदित भी करती है यह कहना है बिलासपुर में आयोजित पुस्तक मेले में,कलेक्टर -डॉ संजय अलंग बिलासपुर का।आमन्त्रित विद्वान वक्ता कुलपति ,पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर वंश गोपाल सिंह ने कहा ऐसे आयोजन से पुस्तकधर्मिता के प्रति एक अलख जगती है।रचनाकार जुड़ते है।निश्चित तौर से युवा पीढ़ी में उत्सुकता जगती है।आओ पुस्तकों से जुड़िये वे आपको बेहतर इंसान बनाने के लिए आमन्त्रित कर रही है।


इस अवसर पर प्रो गौरी दत्त शर्मा, अटल बिहारी वाजपेयी विश्विद्यालय के कुलपति ने कहा- यह पुस्तक मेला निश्चित ही पाठकों में एक संस्कार विकसित करेगा।ये समाजिक अनिवार्यता भी है जो एक माहौल पैदा करने में सक्षम है।न्यास को दुरुस्त इलाके में आयोजन के लिए बधाई। प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बावजूद पुस्तकों की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं आई।आज इंटरनेट के मामले में भी पुस्तकें बेहतर विकल्प है।आप की रुचि के अनुसार पुस्तकें इस मेले में मौजूद है।उनको पढ़िए वे आपको लक्ष्य के करीब ले जाएगी।


इस मौके पर राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो पाठक ने कहा निश्चित रूप से न्यास को बधाई कि उन्होंने संस्कारधानी बिलासपुर को चुना।यह प्रतिसाध्य है कि पुस्तकमेला अवश्य ही सार्थक परिणाम देगा।आज लोग कहते है कि पठनीयता कम हो गई है,मैं उसे सही नहीं मानता।आज भी पुस्तक पढ़ी जा रही है,उसके परिणाम हमारे सामने हॉ।पुस्तकें ही मनुष्य को संस्कारित करती है,उसके पीछे पुस्तकें ही है।भाषा हमें सामर्थ्यवान बनाती है वह है पुस्तकें।


इस अवसर पर बिलासपुर के जिलाधीश डॉ संजय अलंग ने कहा कि राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत इनदिनों बेहद सक्रिय है प्रकाशन के  संदर्भ में।मैं न्यास के अध्यक्ष व निदेशक को भी साधुवाद देता हूँ कि जिन्होंने बिलासपुर को पुस्तकमेले के आयोजन के लिए हमारे शहर को चुना।कहते है एक साक्षर इंसान उससे बदतर है कि जो पढ़ता नहीं है।अब समय है वाट्सप छोड़ने का,मित्रों पुस्तकों से जुड़िये।ये वह शक्ति है जो आपको साक्षर तो करती है साथ ही उसकी खुश्बू भी आनंदित करती है।
न्यास प्रकाशन के क्षेत्र में बहुत बड़ा दखल रखता है।पुस्तकें अनंत है जिनमे जितना डूबेंगे उतना ही आप आगे बढ़ेंगे।पुस्तकें ही आपको भी,बच्चों को भी सुसंस्कृत करेंगी।


बिलासा साहित्य मंच के अध्यक्ष ने संस्था की ओर से मंचस्थ सभी विद्वानों सहित कलेक्टर का सम्मान करते हुए कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि अपने अतिथियों का स्वागत करना हमारा सौभाग्य है।


राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के सहायक निदेशक सुभाषीस दत्ता ने आभार ज्ञापन देते हुए कहा कि बिलासपुर में यह दूसरी बार पुस्तकमेला तकरीबन 8 वर्ष बाद आयोजित किया गया है।न्यास को राष्ट्रीय स्तर पर पुस्तकमेलों को आयोजन करना है इसलिए विलंब हुआ।इस पुस्तक मेले में हजारों की संख्या में पुस्तकें प्रदशित की गई है।कई प्रदेशों के प्रकाशक भागीदारी कर रहे है।हमें उम्मीद है कि न्यास पाठकों की अपेक्षा पर खरा उतरने का प्रयास करेगा।


मंच का संचालन हिंदी संपादक व छत्तीसगढ़ के नोडल अधिकारी डॉ ललित किशोर मंडोरा ने किया।कार्यक्रम से पूर्व उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पुस्तक न्यास,भारत विगत 60 वर्षों से अधिक समय से पुस्तक उन्नयन की दिशा में अग्रसर है।हम भारत सहित विदेशों में आयोजित पुस्तकमेलों में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।डॉ मंडोरा ने अभी हाल ही में आयोजित पुस्तकमेलों का जिक्र करते हुए आगामी जनवरी में प्रगति मैदान में आयोजित किये जा रहे विश्व पुस्तक मेले की भी जानकारी साँझा की।
बिलासपुर में आयोजित पुस्तक मेले के शुभारंभ में स्कूली बच्चों के अलावा स्थानीय बुद्धिजीवी,गण्यमान्य विद्वान भी मौजूद रहें जिनमें अटल श्रीवास्तव,द्वारिका प्रसाद अग्रवाल के साथ अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति भी थे
धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय पुस्तक न्यास,भारत के सहायक निदेशक सुभाशीष दत्ता ने किया।







 























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