*सुषमा भंडारी*
मुस्कुराती हुई बेटियाँ अच्छी लगती हैं
खिलखिलाती हुई बेटियाँ अच्छी लगती हैं
चंदा- सी , तारों -सी बिखेरती हैं रौशनी
झिलमिलाती रहें बेटियाँ अच्छी लगती है
बेटी से बनती हैं माँ गाती हैं लोरियां
गुनगुनाती रहे बेटियाँ अच्छी लगती है
पंछी नहीं हैं कैद का उड़ना चाह्ती हैं
आकाश सजाती रहें बेटियाँ अच्छी लगती हैं
जोश व शौर्य की प्रतिमा होती हैं ये
शौर्य दिखाती रहें बेटियाँ अच्छी लगती हैं
सृष्टि का आधार हैं संसार इन्ही से है
लहलहाती रहें बेटियाँ अच्छी लगती हैं
*सुषमा भंडारी,फ्लैट नम्बर- 317,प्लैटिनम हाइट्स,सेक्टर-18 बी , द्वारका, नई दिल्ली,मो9810152263
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