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कौन है (गजल)







*हमीद कानपुरी*


हर  तरफ  पैदा  करे  डर   कौन है।


माॅब लिंचर  यां  सितमगर  कौन है।


 


हार को स्वीकारता  हरगिज़ न जो,


दिलकेअन्दर का सिकन्दर कौन है।


 


कहकहों के सब यहाँ तालिब दिखे,


देखता   ग़मगीन   मंजर   कौन  है।


 


दूसरों  की   ग़म गुसारी   के  लिए,


पार  करता  अब समन्दर  कौन है।


 


जग  भलाई  के  लिए इस  दौर में,


तालिबे  विषपान  शंकर   कौन है।


 


*हमीद कानपुरी,179, मीरपुर छावनी कानपुर, मो-979577241








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