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दीप हायकु












दीयों ने लिखे-
रोशनियों के छंद
दीवाली पर ।
***
झोपड़ियों ने-
द्वार पर दीये नहीं
तीली जलाई ।
***
दिखते नहीं-
अब माटी के दीये
देहरी सूनी ।
***
कभी न बुझें-
लड़ते रहें सदा
दीये तम से ।


*अशोक आनन मक्सी जिला-शाजापुर (म.प्र.)मोबाइल नं : 9981240575




 













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