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अब दीए जलाए(गीत)










  *अशोक आनन *


किसे हैं फुरसत जो -


अब दीए जलाए ?


 


सबको अपनी -


आज पड़ी है ।


भींत दिलों के -


बीच खड़ी है ।


किसे हैं फुरसत जो -


अब सुलह कराए ?


 


अपनी डफली -


अपना राग ।


सुलगी सबके -


दिल में आग ।


किसे हैं फुरसत जो -


अब लगी बुझाए ?


 


अपनी मंजिल -


अपनी राहें ।


थामे अब ना -


कोई बांहें ।


किसे हैं फुरसत जो -


अब राह बताए ?


 


दुष्टों को दया -


ज़रा न आई ।


निर्भया लाज -


बचा न पाईं ।


किसे हैं फुरसत जो -


अब चीर बढ़ाए ?


*अशोक आनन मक्सी,शाजापुर (म.प्र.),मोबाइल नं :9981240575















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