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संवेदनाओं को प्रतिष्ठापित करने में साहित्य की महती भूमिका है


उक्त बात मालवा के उभरते कवि कारुलाल जमडा़ के संग्रह"ओ मेरे पिता"का विमोचन करते हुए प्रदेश के लोकप्रिय दबंग और साहित्यप्रेमी आईपीएस श्री गौरव तिवारी ने कही|डा.मुरलीधर चाँदनीवाला ने  कवि जमडा़ की पूर्व कृतियों "वह बजाती ढोल" व "सफ़र संघर्षों का"की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए उन्हें भविष्य की संभावनाओं वाला कवि बताया|रतलाम के प्रेस क्लब में काश्यप हाल में आयोजित  "अमृतोत्सव"समारोह में कारुलाल जमडा़ के माता-पिता और उनके सास-ससूर के अभिनंदन समारोह के अन्तर्गत कवि कारुलाल जमडा़ की कृतिका विमोचन प्रसिद्ध संस्कृतवेत्ताशिक्षाविद् साहित्यकार डा.मुरलीधर चाँदनीवाला की अध्यक्षता में नामी साहित्यकारों प्रो. रतन चौहान,प्रसिद्ध चिंतक श्री विष्णु बैरागी,श्री ओमप्रकाश मिश्र,आशीष दशोत्तर,रमेश मनोहर की उपस्थिति में हुआ|विशिष्ट अतिथि पूर्व जिलाशिक्षाधिकारी अमर वरधानी एवं एपीसी अशोक लोढ़ा थे|कार्यक्रम का आरंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन से हुआ|सरस्वती वंदना कु़.गार्गी एवं सिद्धि जमडा़ ने प्रस्तुत की| संपूर्ण समारोह का संचालन खरगोन के प्रसिद्ध कवि और मंच संचालक प्रवीण अत्रे ने किया|


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