Subscribe Us

क्या से क्या हो गया देखते देखते (गजल)








*हमीद कानपुरी*

बाढ़   में   सब  बहा   देखते   देखते।

क्या से क्या  हो गया  देखते   देखते।

 

सुब्ह निकला जला राह अपनी चला,

शाम  तक  जा  ढला  देखते  देखते।

 

इश्क़ जबसे हुआ तनबदन खिलगया,

हो   गयी    चंचला    देखते    देखते।

 

आमने   सामने   कार  से   जा  लड़ा,

हों   गया    हादसा    देखते    देखते।

 

देख  उनकी  तरफ  शेर जो भी हुआ,

खूब  सूरत    हुआ    देखते    देखते।

 

हौसला   बढ़ गया जबसे आये सनम,

मिल  रही    है  दवा    देखते  देखते।

 

*हमीद कानपुरी,179, मीरपुर कैण्ट, कानपुर-208004 मो.9795772415




 

 


शब्द प्रवाह में प्रकाशित आलेख/रचना/समाचार पर आपकी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया का स्वागत है-


अपने विचार भेजने के लिए मेल करे- shabdpravah.ujjain@gmail.com





 




 



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ