मेरी आवाज़ ही पहचान है: पुण्य स्मरण लता जी
एक बार किसी पत्रकार ने लता जी से यूं ही पूछ लिया कि " क्या आप अगले जन्म में भी लता मंगेशकर ही बनना चाहेंगी तब लता जी ने सहज भाव से इतना ही कहा था कि अब लता मंगेशकर के रूप में दूसरा जन्म तो कम से कम मुझे नहीं चाहिए ? इन भावों के पीछे क्या दर्द था, इतनी विश्व विख्यात होने के बार भी लता जी ने अपने अगले जन्म को लेकर चुप्पी ने सोचने को मजबूर किया।
हालांकि 28 सितंबर को उनका जन्मदिन है। उनसे जुड़े एक सुखद अनुभव को यहां साझा कर उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करने का प्रयास कर रहा हूं।
कई दशकों तक पार्श्व गायन के शीर्ष पर रहीं लता मंगेशकर को शास्त्रीय संगीत की बारीकियों में महारत हासिल थी. मंगेशकर का जन्म इंदौर में 28 सितंबर 1929 को हुआ था. उन्होंने मुंबई में छह फरवरी 2022 को 92 साल की उम्र में आखिरी सांस ली थी।
भारत रत्न स्व लता मंगेशकर मेरे गृह ग्राम जसरापुर (खेतड़ी) झुंझुनूं के डॉ राजीव शर्मा से गहरा नाता था। वे राजीव जी को अपना छोटा भाई मानती थी। राजीव जी ने 35 साल तक लता जी को फैमिली डॉक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दी।
राजीव जी का मूल रूप से मेरे गृह ग्राम का होना मेरे लिए गौरवशाली क्षण से कम नहीं है। लता जी हमेशा राजीव जी को रक्षाबंधन पर राखी बांधती और प्रत्येक पारिवारिक आयोजन में शामिल भी होती। डॉ राजीव जी के पिता भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी रहे तथा उनके दादा जी की पहचान पत्रकारिता के भीष्म पितामह के रूप में पद्मश्री स्व श्री झाबर मल शर्मा के रूप में रही।
वर्तमान में राजीव जी मुंबई में रहते है। उनसे मेरा आज भी जीवंत संपर्क है। उनके अनुसार लता दीदी का हमारी खेतड़ी से बहुत लगाव रहा। उन्हें खेतड़ी और स्वामी विवेकानंद के रिश्तों के बारे में पूरी जानकारी थी। एक बार लता जी ने खेतड़ी के रामकिशन मिशन के लिए स्वामी विवेकानंद का चित्र भी भेंट किया था। लता जी द्वारा वर्ष 1980 में 5 फिट ऊंचाई और 4 फिट चौड़ाई का भेंट किया गया यह चित्र आज भी रामकृष्ण मिशन में लगा हुआ है।
इसी भाव में एक दूसरा चित्र भी है सुप्रसिद्ध पार्श्व गायिका फिल्म ताल, बंटी और बबली , बाबुल, बागबान में अपनी आवाज का जादू बिखेर चुकी ऋचा शर्मा जी का, जिनसे मेरी पहली मुलाक़ात वर्ष 2008 में मुंबई के एक समारोह में हुई थी उनका भी लता जी से उतना ही गहरा नाता रहा । जितना मेरा राजीव चाचा जी से और ऋचा दी से। लता जी आज होती तो अपना 94 वा जन्मदिन मना रही होती। राजीव जी और ऋचा दी की निर्मल और निच्छल भावनाओं के साथ ही लता दी को जन्मदिन पर भावपूर्ण पुण्य स्मरण....।
डॉ सुरेन्द्र मीणा, नागदा


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