आज दुनियां का हर व्यक्ति एक मानसिक तनाव का शिकार है। भागदौड़ के जीवन में हर मन में एक अनजाना तनाव पैदा हो रहा है। ऐसा अपने आप ही हो रहा है और हमें इसका पता ही नहीं चल पा रहा है। हमें पता तब चलता है जब बात आगे बढ़ जाती हैं और यह तनाव हमारे मन से होता हुआ हमारे शरीर पर दस्तक देना शुरू कर देता है।
तनाव को कैसे समझे?
अगर आप खुश नहीं है तो समझ लीजिए आपके मन के अंदर तनाव छिपा हुआ है। बस केवल इतने छोटे से नियम से ही तनाव का पता किया जा सकता है।
तनाव मन में ऊर्जा का विस्तार नहीं होने देता। ऊर्जा के बहाव को रोक देता है। आप खुद को असहज महसूस करते है। फिर जीवन में सफलता के रास्ते बंद होने शुरू हो जाते है।
ऐसे में जरूरी है कि कुछ ऐसा किया जाए जिससे तनाव कम होने के साथ साथ ऊर्जा का विस्तार भी मन में बढ़े ताकि मानसिक शक्तियों का विकास और विस्तार हो।
कैसे होगा मानसिक ऊर्जा का विस्तार?
एक ऐसा प्राणायाम जो दोनों काम एक साथ करेगा। मानसिक तनाव हो दूर करेगा और साथ साथ मानसिक ऊर्जा का विस्तार भी करेगा।
इस प्राणायाम को संजीवनी प्राणायाम कहा जाता है। इससे जो मानसिक ऊर्जा मिलती है उसे ही संजीवनी कहते है। चीन में इस ऊर्जा को यिन कहा जाता है।
कैसे करते है यह प्राणायाम?
- किसी भी आरामदायक आसान में बैठ जाए।
- आंखों को धीरे से बंद कर ले।
- कुछ पल दोनों आंखों के बीच में देखते हुए गुजारे।
- अब अपना ध्यान अपनी सांसों पर लेकर आए।
- आपको केवल सांसों की गति को देखना है। सांसों की गति को समझना है।
- अब आपको अपनी इच्छा शक्ति से सांसों की गति को धीमा करना है।
- सांसों को जितना धीमे हो सके उतना धीमा करना है।
- धीमी सांसों के साथ हो जाएं। ऐसा करते ही मन में तनाव गायब होने लगेगा।
- सांस को और अधिक धीमा करने से मानसिक ऊर्जा का विस्तार होने लगेगा। चेतना जागृत होने लगेगी और इस चेतना से ही आप इस ऊर्जा को समझ पाएंगे।
- इस प्राणायाम को कम से का। 30 मिनट तक करना है।
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