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अंतराष्ट्रीय जैन साहित्य संगम का त्रि-दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन मुम्बई में संपन्न

समाज के नवनिर्माण में साहित्य की अहम् भूमिका है - राज्यपाल थावरचंद गहलोत

जैन साहित्य संगम के साहित्यिक अवदान श्लाघनीय हैं - आचार्य लोकेश मुनि

जैन साहित्य सार्वभौमिक है- देवेन्द्र ब्रह्मचारी

डाॅ. दिलीप धींग को मिला ॐ पारदर्शी पुरस्कार-2024

देश-विदेश के साहित्यकार-कवियों का संगम

उदयपुर। जैन कवि-साहित्यकारों की सर्वमान्य प्रतिनिधि संस्था अंतरराष्ट्रीय जैन साहित्य संगम का त्रि-दिवसीय राष्ट्रीय- 2024 विभिन्न साहित्यिक व सांस्कृतिक आयोजन लोढ़ाधाम-मुम्बई में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ।


कर्नाटक के सम्माननीय राज्यपाल श्री थावरचंद गहलोत, विश्वसंत डाॅ. आचार्य लोकेश मुनि, योगी देवेन्द्र ब्रह्मचारी, महाराष्ट्र के केबिनेट मंत्री श्रेष्ठीवर्य श्री मंगलप्रभात लोढ़ा के मुख्य आतिथ्य में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन संस्था के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष मंजू-मंगलप्रभात लोढ़ाधाम के संयोजन एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीप जैन "हर्षदर्शी व मनोज मनोकामना के कुशल नेतृत्व में कवियों-साहित्यकारों ने तीन दिन साहित्यिक अनुष्ठान हुए ।

राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीप जैन 'हर्षदर्शी' ने बताया इस अधिवेशन में देश-विदेश से आस्ट्रेलिया, कनाडा, तमिलनाडु, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गुजरात, दिल्ली, तेलंगाना-हैदराबाद, असम, विशाखापट्टनम आदि से साहित्यकार-कवियों, उद्योगपति, शिक्षाविद्, समाजसेवियों, राजनेताओं का आगमन हुआ।

अधिवेशन प्रथम दिवस

प्रातः की मंगलवेला में लोढाधाम जिनालय में दर्शन-पूजन कर दो बसों से समस्त साहित्यकारों ने आध्यात्मिक तीर्थयात्रार्थ प्रस्थान किया । प्राचीन अर्वाचीन नाकोडाधाम, जीवदया धाम, अगासी तीर्थों पर भक्तिरसिक जयंतीलाल जैन के द्वारा सामूहिक चैत्यवंदन करवाया गया । चैत्यवंदन में सामूहिक स्तवन सुनाकर प्रभुभक्ति की गई । रात्रि में लोढाधाम जिनालय में प्रसिद्ध गायक विराग मधु मालती द्वारा भक्ति गंगा बहाई गई।

अधिवेशन द्वितीय दिवस

आज सदस्यों का उत्साह चरम पर था । भारतीय परिधानों में सिर पर राजस्थानी साफा पहन ढोल की थाप पर नाचते-झूमते सदस्यों ने सरस्वती सभागार में आयोजित अधिवेशन उद्घाटन समारोह के लिए प्रवेश किया। अधिवेशन के संयोजक श्री अमित मरडिया के नेतृत्व में राजेन्द्र-सुशील जी कांठेड़, मंजू-मंगलप्रभात लोढ़ा, जगदीप जैन "हर्षदर्शी", मनोज मनोकामना ने कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावरचंद गहलोत, विश्वसंत आचार्य लोकेश मुनिजी, योगी देवेन्द्र ब्रह्मचारी, श्रेष्ठी- महाराष्ट्र मंत्री मंगलप्रभातजी लोढ़ा की अगवानी की ।

उद्घाटन समारोह का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीपप्रज्वलन के साथ हुआ। गीतकार कैलाश जैन 'तरल' ने मधुर स्वर में मंगलाचरण-गीत सुनाया । अतिथियों का माला, शाल, मेवाड़ी पगड़ी व प्रतीचिह्न प्रदान कर भावभीना अभिनंदन किया गया। स्वागत उद्बोधन विनोद बाफना ने दिया।

विश्व शांतिदूत आचार्य डाॅ. लोकेश मुनि जी ने कहा कि साहित्य का राष्ट्र निर्माण व मानव कल्याण में उल्लेखनीय योगदान है। अंतरराष्ट्रीय जैन साहित्य संगम इस दिशा में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है, वह अभिनंदनीय है। मुझे जैन साहित्य सृजनधर्मियों को एक मंच पर एकत्र देख हार्दिक हर्ष हो रहा है।

आचार्य लोकेश मुनि का अधिवेशन आमन्त्रण व ट्रस्ट द्वारा अनुदान


समारोह में विश्वसंत आचार्य डॉ. लोकेश मुनि जी ने विद्वतापूर्ण उद्बोधन देते हुए अंतर्राष्ट्रीय जैन साहित्य संगम के कार्यों की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए आगामी अधिवेशन अहिंसा विश्व भारती-दिल्ली में करने का आह्वान किया तथा ट्रस्ट द्वारा विशेष राशि संस्था को देने घोषणा की।

कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंदजी गहलोत ने अपने उद्बोधन में कहा कि साहित्यकार-कवियों की समाज के नवनिर्माण में अहम भूमिका होती है। विचारों की अभिव्यक्ति देश, समाज के हित में करना श्रेष्ठ कार्य है।महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एवं लोढ़ा फ़ाउंडेशन के प्रमुख मंगल प्रभातजी लोढ़ा ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह अधिवेशन साहित्य, अध्यात्म, संस्कृति का संगम है। ब्रह्मचारी देवेन्द्र भाई ने कहा कि योग से जुड़े अनेक साहित्यिक ग्रंथ जैसे वेद, उपनिषद, योग सूत्र, बौद्ध धर्म और जैन धर्म की शिक्षाएं, महाकाव्य और पुराण साहित्य ने योग को जीवंत रखा है और जन जन तक पहुँचाया है ।

अंतराष्ट्रीय जैन साहित्य संगम की अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मंजु मंगलप्रभात लोढ़ा ने कहा कि जैन साहित्य संगम आपकी अपनी जैन समाज की प्रतिनिधि संस्था है, इससे जुड़कर सभी को योगदान देना चाहिए। राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीप जैन "हर्षदर्शी" ने संस्था के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अधिवेशन में कवि सम्मेलन, विद्वद् संगोष्ठी, महिला सांस्कृतिक सम्मेलन, पुस्तक प्रदर्शनी और कृतियों का विमोचन किया जाएगा । साथ ही संस्था का परिचय व उद्देश्य पर मनहरण कवित्त सुनाया ।

राष्ट्रीय महामंत्री मनोज मनोकामना ने वर्षभर में संस्था द्वारा किए गए साहित्यिक आयोजनों की जानकारी देते हुए आगामी योजनाओं पर प्रकाश डाला । इस अवसर पर संस्था में संरक्षक के रूप में सदस्यों ने बढ़चढ़ कर लाभ लिया। समारोह में अधिवेशन के प्रयोजक लोढा फाउंडेशन की चेयरमेन का अंतर्राष्ट्रीय साहित्य संगम कार्यकारिणी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीप जैन "हर्षदर्शी", उपाध्यक्ष विजयसिंह नाहटा, महामंत्री मनोज मनोकामना, सह मंत्री अमित मरडिया व शकुन सरगम, दिनेश जैन द्वारा अभिनंदन किया गया ।

पारदर्शी पुरस्कार-2024 की घोषणा


ॐ पारदर्शी फाउंडेशन की ओर से महामंत्री जगदीप जैन "हर्षदर्शी" ने पारदर्शी पुरस्कार-2024 के लिए साहित्य मनीषी डाॅ. दिलीप धींग के नाम की घोषणा की तो उपस्थित साहित्यसेवियों ने करतल ध्वनि से अनुमोदन किया । डॉ. धींग को थावरचंद गहलोत (राज्यपाल-कर्नाटक), विश्वसंत डाॅ. आचार्य लोकेश मुनि, योगी देवेन्द्र ब्रह्मचारी, मंजू-मंगलप्रभात लोढ़ा, जगदीप जैन "हर्षदर्शी", इन्दुबाला "हर्षदर्शी" ने प्रतीकचिह्न व प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया । उल्लेखनीय है कि पारदर्शी पुरस्कार प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है । सन् 2023 का पुरस्कार वरिष्ठ गीतकार कैलाजैन "तरल" को प्रदान किया गया था। समारोह में डॉ मंजू लोढ़ा की कृति “निर्मल मन में वास करते हैं भगवान“ का विमोचन किया गया। समारोह का संचालन डाॅ. प्रकाश दक-मैसूर ने किया । समारोह पश्चात् लोढाधाम परिसर में वृक्षारोपण किया गया।

द्वितीय सत्र - परिचय, प्रतिवेदन व कृति लोकार्पण समारोह

सरस्वती सभागार में द्वितीय सत्र का प्रारंभ जयंतीलाल जैन के मंगलपाठ से हुआ । अधिवेशन में पधारे समस्त सदस्यों ने क्रमबद्धता से परिचय दिया व उपलब्धियों से सबको अवगत कराया। इस अवसर पर अंजुरी भर शब्द - शीला संचेती, कोलकाता, मधुकथ्य (सती सावित्री खंड काव्य) मधु-राजेन्द्र सिंघी नागपुर, दोहा का मुक्तांगन ज्ञान भंडारी मुम्बई, मोहब्बतें संग ईश्कियाँ कपूरचंद जी सेठिया चेन्नई, गम्भोडे समदर रा सपना विजयसिंह नाहटा जयपुर, अनुभूति कमला छाजेड़-कोलकाता, अभिवंदन तरुण सेठिया-कोलकाता आदि 15 कृतियों का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया ।

सदस्यों द्वारा कवि सम्मेलन

तीसरे सत्र में विराट कवि सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें देश भर आए कवियों ने एक से बढ़कर एक लाजवाब काव्य-प्रस्तुति दी । लगभग सात घंटे तक कवि सम्मेलन में काव्य रस बरसता रहा । वरिष्ठ गीतकार कैलाश जैन तरल ने संस्था के उद्देश्यों पर आधारित सुन्दर गीत सुना सबको मंत्रमुग्ध कर दिया । कवि सम्मेलन के प्रारंभ में मंगलाचरण-गीत विमल पितलिया-मैसूर ने सुनाया ।

अधिवेशन द्वितीय दिवस

प्रातः सीमंधरस्वामी जिनालय में वंदन-पूजन पश्चात् सम्मान समारोह आयोजित किया गया । सरस्वती सभागार में संस्था के शीला संचेती-कोलकाता, कैलाश जैन तरल-उज्जैन, डाॅ. ललित बनवट-आष्टा, ज्ञान भंडारी-मुम्बई, शांतिलाल कोचर-हिंगलघाट, पदमचंद गाँधी- भोपाल आदि को वरिष्ठजन सम्मान प्रदान किया गया ।

सर्वाधिक गोष्ठी के लिए तमिलनाडु इकाई, सर्वाधिक अधिवेशन सदस्यता के लिए मध्यप्रदेश इकाई, ऑनलाइन आध्यात्मिक संगोष्ठी संयोजन के लिए पदमचंद गाँधी, पर्यावरण संरक्षण व प्लास्टिक मुक्ति अभियान में विश्व स्तर पर 5 कीर्तिमान के लिए श्रीमती चंदा डाँगी-मंदसौर, जीवदया में उत्कृष्ट कार्य के लिए केतनभाई संघवी-राजकोट, बांसुरी वादन के लिए दिलीप गाँधी-बैंगलोर तथा मिडिया सेवा के लिए सुरेन्द्र मुणोत-कोलकाता, मुकेश नाहर-जोधपुर अहिंसा क्रान्ति, दिनेश देवडा- अहमदाबाद, रश्मि सुराणा सुरभि सलोनी को प्रतीकचिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया।

जैन साहित्य संगम की सर्वश्रेष्ठ इकाई का पुरस्कार तमिलनाडु एवं श्रेष्ठ इकाई का पुरस्कार मध्यप्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, गुजरात को प्रदान किया गया। विद्वद् संगोष्ठी में धर्म-अध्यात्म, सामाजिक सरोकार आदि विषयों पर पदमचंद गाँधी-भोपाल, डाॅ. दिलीप धींग-चेन्नई, डाॅ. प्रकाश दक-मैसूर, विजयसिंह नाहटा-जयपुर ने विद्वत्ता पूर्ण उद्बोधन दिए, जिसे सभी ने गंभीरता से सुना। समारोह में क्रांतिकारी जैनाचार्य विमलसागर जी मंगल संदेश का विडियो को प्रसारित किया गया ।

द्वितीय सत्र- महिला सांस्कृतिक समारोह

महिलाओं द्वारा आयोजित इस सत्र का शुभारंभ विमल पितलिया-मैसूर के मंगलाचरण-गीत से हुआ । इस सत्र में विविध विषयों पर नाटक, एकाभिनय, संवाद संदेश द्वारा मर्मस्पर्शी प्रस्तुति दी गई। तमिलनाडु इकाई के सदस्यों ने तमिलनाड के पारम्परिक परिधान में गौतमचंद बोहरा लिखित गीत को सस्वर सामूहिक रुप से सुनाया । गुजरात इकाई की ओर से शकुन सरगम, पूनम गुजरानी, राजेश डागा ने संदेशात्मक एकांकी नाटक व कोलकाता इकाई की बहनों ने बारह भावना पर आधारित कमला छाजेड द्वारा लिखित-निर्देशित लघु नाटिका को शीला संचेती, हिम्मत चोरड़िया, मीना दुग्गड़, रश्मि सुराणा, हर्षलता दुधोड़िया, सरोज जी दुगड़, कनक पारख ने सुन्दर प्रस्तुति दी । इस अवसर पर श्रीमती मंजू-मंगलप्रभात लोढ़ा ने भी मोटिवेशनल स्पीच दी ।

सदस्यों द्वारा कवि सम्मेलन

द्वितीय दिवस के तीसरे सत्र में कवि सम्मेलन हुआ। कवि सम्मेलन में कवियों विभिन्न रसों में काव्यपाठ किया। राष्ट्रीय अधिवेशन-2024 के इस त्रि-दिवसीय में सभी सदस्य पारिवारिक वातावरण में प्रेम और अपनत्व के बँधन में ऐसे बँध गए कि सभी ने भावुक मन और सजल नेत्रों से परस्पर विदाई दी ।

अधिवेशन के प्रायोजक लोढ़ा फाउंडेशन द्वारा तीनों दिन प्रातः नाश्ता व दोनों समय स्वादिष्ट भोजन तथा आवास की सुन्दर व्यवस्था की गई। अधिवेशन की आवास व्यवस्था में जयंतीलाल जैन-मुम्बई व सदस्य पंजीकरण में निर्मल जैन नीर-उदयपुर व सागरमल सर्राफ-उदयपुर तथा अन्य व्यवस्थाओं में राजेन्द्र कांठेड, लोकेश सरगम, चिराग जैन चैतन्य, प्रकाश दक, दिनेश जैन, सुरेन्द्र मुणोत आदि ने सराहनीय सहयोग दिया।

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