Subscribe Us

उज्जैन की धरती पर पहला यात्रा संस्मरण हुआ लोकार्पित

डॉ देवेंद्र जोशी के नाम दर्ज हुआ एक और कीर्तिमान - उज्जैन में पहला यात्रा वृत्तांत लिखने वाले लेखक बने
मध्य प्रदेश संघ के गरिमामय आयोजन में हुआ हिंदी सेवियों का सम्मान

उज्जैन। यात्रा वृत्तांत की हिंदी साहित्य में समृद्ध परंपरा रही है। लेकिन साहित्य नगरी उज्जैन अब तक इस विधा से अछूती थी। यहां महाकाव्य, खंडकाव्य, उपन्यास, व्यंग्य,कहानी, नाटक अनेक लिखे गये लेकिन यात्रा संस्मरण आज से पहले किसी ने नहीं लिखा। इस दृष्टि डॉ देवेंद्र जोशी की यह कृति यात्रा संस्मरण पर उज्जैन की पहली कृति है। नगर के साहित्य क्षेत्र की एक बड़ी कमी पूरी करने के लिए डॉ जोशी बधाई के पात्र हैं।

उक्त उद्गार मध्यप्रदेश में संघ द्वारा आयोजित डॉ देवेंद्र जोशी की पुस्तक यात्रा संस्मरण का लोकार्पण करते हुए वक्ताओं ने व्यक्त किए। पुस्तक का प्रकाशन निखिल प्रकाशन आगरा से हुआ है। कार्यक्रम के अतिथि के रूप में डा प्रेमानंद सरस्वती इंदौर, डॉ पूरन सहगल मंदसौर, कुलानुशासक डॉ शैलेन्द्र कुमार शर्मा, डॉ शिव चौरसिया, उपस्थित थे। अध्यक्षता डॉ हरिमोहन बुधौलिया ने की। विश्व साहित्य सेवा ट्रस्ट आगरा द्वारा वर्ष की सर्वश्रेष्ठ पुस्तक के रूप में चयनित हो चुकी इस पुस्तक के लोकार्पण समारोह को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए डॉ शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि यह कृति यात्रा संस्मरण विधा की सार्थकता निरूपित करती है। इसमें लेखक ने यात्रा संस्मरणों को नये रूप में प्रस्तुत करते हुए नई पीढ़ी के पाठकों को पुस्तक से जोड़ने का अभिनव कार्य किया है। डॉ शिव चौरसिया ने इस अवसर पर कहा कि भगवान राम, कृष्ण, गौतम बुद्ध, महावीर स्वामी, चीनी यात्री फाह्यान, ह्वेन सांग,से लेकर भारतेंदु हरिश्चंद्र, राहुल सांकृत्यायन और अज्ञेय तक यात्रा संस्मरण की परंपरा जारी रही। लेकिन साहित्य नगरी उज्जैन में आज से पहले किसी ने भी यात्रा वृत्तांत नहीं लिखा था। अतः उज्जैन के ज्ञात इतिहास में डॉ देवेंद्र जोशी की पुस्तक यह यात्रा संस्मरण विधा पर पहली कृति के रूप में दर्ज की जानी चाहिए।

इस अवसर पर मंचस्थ अतिथियों को विश्व हिंदी प्रचारिणी महासभा इंदौर द्वारा विश्व साहित्य आकाश के चमकते सूर्य सम्मान से सम्मानित किया गया। जिसके तहत शाल, मान पत्र, मोतियों की माला और मैडल प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसी तरह हिन्दी पखवाड़ा के अंतर्गत नगर के करीब एक दर्जन साहित्यकारों को हिंदी रत्न हिंदी सेवी सम्मान प्रदान किए गए। सम्मानित होने वालों में श्रीमती सीमा जोशी, डॉ प्रकाश कडौतिया, पं रमण त्रिवेदी, डॉ देवेंद्र जोशी, डॉ हरीश कुमार सिंह, राजेश ठाकुर निर्झर,लता पंवार, अभिलाषा शर्मा, माया वदेका, डॉ पुष्पा चौरसिया, प्रफुल्ल शुक्ला, डॉ उर्मि शर्मा, संदीप सृजन, डॉ नेत्रा रावणकर, डॉ राजेश रावल आदि शामिल हैं।

इस अवसर पर आयोजित कवि गोष्ठी में प्रो रवि नगाईच, संदीप सृजन, डॉ राजेश रावल, प्रफुल्ल शुक्ला आदि ने रचनाएं सुनाई। सरस्वती वंदना सीमा जोशी ने प्रस्तुत की संचालन डॉ देवेंद्र जोशी ने किया। आभार डॉ हरीश कुमार सिंह ने माना।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ