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मालवी लघुकथा कृति गेरी-गेरी छांव का हुआ लोकार्पण


इंदौर। अभिभाषक एवं लघुकथाकार विजय सिंह चौहान की चुनिंदा लघुकथाओ का मालवी बोली में अनुवाद गेरी-गेरी छांव का लोकार्पण लघुकथा शोध केंद्र, भोपाल के अधिवेशन में सम्पन्न हुआ।

पुस्तक का लोकार्पण साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ.विकास जी दवे, श्री मिथिलेश अवस्थी (नागपुर) श्री प्रबोध गोविल (जयपुर), श्री संतोष चौबे (कुलपति, रविंद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल) लघुकथा शोध केंद्र की निदेशक श्रीमती कांता राय, घनश्याम मैथिल के कर कमलों सम्पन्न हुआ। लघुकथाओ का मालवी में अनुवाद ख्यात शिक्षिका, मालवी लेखिका/नाटयकर्मी श्रीमती अर्चना मंडलोई ने किया है।

इस अवसर पर शहर के ख्यात लेखक साहित्यकार श्री पुरुषोत्तम दुबे, श्री राठी, डॉ योगेंद्रनाथ शुक्ल,श्रीमती सीमा व्यास, श्री भुवनेश दशोत्तर, श्री मुकेश तिवारी, श्री मुकेश इंदौरी, श्री ललित मंडलोई भी उपस्थित थे।

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