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प्रेम बजाज
बांटो आज सब मिठाईयां ,
गुझिया खाओ, पियो भांग,
गुझिया खाओ, पियो भांग,
बज रहा ढोल करो सब नाच ।
धूम मचाओ गलियों में लेकर
धूम मचाओ गलियों में लेकर
रंग हरा,पीला, नीला , लाल ।
भर-भर कर लाओ पिचकारी,
भर-भर कर लाओ पिचकारी,
रंग दो सभी को चाहे साला हो या साली ।
किसी का मुंह है लाल-पीला
किसी का मुंह है लाल-पीला
किसी का देखो कुर्ता गीला ।
शोर मचाते यार सब,
शोर मचाते यार सब,
बच्चे भी करते हुड़दंग ।
मन में रखो नहीं चल -कपट,
मन में रखो नहीं चल -कपट,
भेद सब मिटा दो झटपट ।
भुला के तुम दुश्मनी सारी ,
भुला के तुम दुश्मनी सारी ,
रंग डालो भर पिचकारी ।
भक्त प्रहलाद की याद है लाई,
भक्त प्रहलाद की याद है लाई,
सब ने अवगुणों की होली जलाई ।
अनबन रहे ना किसी के अन्दर,
अनबन रहे ना किसी के अन्दर,
साफ करो मन बनाओ प्रेम के मन्दिर।
हो कर के इक तन-मन-प्राण,
हो कर के इक तन-मन-प्राण,
दूरी सारी मिटा दो आज ।
मिल कर आओ होली के बहाने ,
मिल कर आओ होली के बहाने ,
दुश्मन को हम गले लगालें ।
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