Subscribe Us

महाकाल की नगरी में हुआ राष्ट्रीय कवि संगम का मालवा प्रांत अधिवेशन

कवि ही समाज को सुधारने वाला है- पं. सत्यनारायण सत्तन 
भारत वो देश रहा है जहॉ हर व्यक्ति कवि है- बाबा सत्यनारायण मौर्य 
कवि समाज की दिशा तय करता है- डॉ शंभूसिंह मनहर

उज्जैन। राष्ट्र और हिंदी के लिए कार्य हो यह आज की जरुरत है। कवि केवल ओज ही नहीं नव रस में अपना लेखन करे। ओज के साथ खोज और मौज की कविता भी जरुरी हैं। यह बात सुप्रसिद्ध कवि और चिंतक पं. सत्यनारायण सत्तन ने राष्ट्रीय कवि संगम के मालवा प्रांत अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में उद्बोधन देते हुए कही। 



राष्ट्रीय कवि संगम उज्जैन इकाई द्वारा मालवा प्रांत अधिवेशन 24जनवरी को सुरभि गार्डन में आयोजित किया गया। जिसमें पं. सत्तन ने कवियों को संबोधित करते हुए कहा कि कवि स्वयंभू होता है और परमात्मा का आशीर्वाद लेकर ही आता है। कवि ही समाज को सुधारने वाला है। जब राजनीति अंधी हो तो साहित्य ही उसकी मदद करता है। कविता लिखने वाले की दृष्टि चातक की तरह होती है। इसीलिए कवि को उच्च जाति का कहा गया है। कविकर्म ही उच्च कर्म है। मूर्ति में तो बाद में प्राण प्रतिष्ठा होती है पर कवि तो रचना करने के साथ ही उस रचना में प्राण प्रतिष्ठित कर देता है। 



अधिवेशन में अन्तर्राष्ट्रीय कवि एक चित्रकार बाबा सत्यनारायण मौर्य ने कहा कि हमारे देश का इतिहास छिपाया गया है उस इतिहास को सामने लाना होगा। आपको देश का कवि बनना होगा। भारत वो देश रहा है जहॉ हर व्यक्ति कवि है। कोई भी प्राचीन ग्रंथ देखे वह कविता ही है। कविता केवल कविता नहीं होती वह इतिहास होती है। 



अधिवेशन में मध्यप्रदेश के अध्यक्ष कवि डॉ शंभूसिंह मनहर ने कवियों से आह्वान करते हुए कहा कि हिंदी भाषा के साथ सत्तर सालों से भाषाई जिहाद किया जा रहा है जिसे खत्म करना जरुरी है। कवि समाज की दिशा तय करता है आप वो लिखे जो राष्ट्र मांगता है, जो सत्य है। जो लिखा जाना शेष है। हिंदी को आज मजाक की भाषा बना दिया गया है। अब हिंदी के कवियों को तलवार कलम में ढालना होगी तभी उद्धार होगा। 



प्रसिद्ध कवि और मंच संचालक शशिकांत यादव ने राष्ट्रीय कवि संगम के धेय वाक्य ‘राष्ट्र जागरण धर्म हमारा’ के साथ अपनी बात कवियों के बीच रखी और कविता की नई पौध के लिए संस्था किस तरह काम कर रही है इस भी प्रकाश डाला। 



अधिवेशन के प्रथम सत्र में पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती और पूर्व नगर निगम अध्यक्ष प्रकाश चित्तौड़ा ने भी अपनी बात रखी वहीं द्वितीय सत्र में उच्चशिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने कवियों को संबोधित किया। अधिवेशन में डॉ शंभूसिंह मनहर की पुस्तक का विमोचन भी किया गया। 




अधिवेशन की शुरुआत डॉ राजेश रावल सुशील की सरस्वती वंदना के साथ हुई। स्वागत भाषण डॉ ओम बैरागी ने दिया। अतिथी स्वागत आयोजन के संयोजक कवि अशोक भाटी, उज्जैन इकाई अध्यक्ष राहुल शर्मा, सहित उज्जैन के कवियों ने किया। विभिन्न सत्रों का संचालन सुनील गाईड व हिमांशु बवंडर ने किया। आभार उज्जैन इकाई अध्यक्ष राहुल शर्मा ने माना। आयोजन में 11 जिलों के दो सौ से अधिक कवियों ने भागीदारी की।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ