Subscribe Us

ऑनलाइन शाॅपिंग और फर्जी वेबसाइटों का जाल- प्रितम भि. गेडाम

आज के डिजिटल युग में, जहाँ
ज्यादातर काम ऑनलाइन किया जाता है, सभी के पास स्मार्ट मोबाइल, कंप्यूटर, संसाधन आ गये है। एक पल में हम दुनिया के किसी भी कोने में संपर्क कर सकते हैं, व्यवहार कर सकते हैं, इसने जीवन को आसान बना दिया है। अब तो हर प्रकार की वस्तुएँ भी ई-कॉमर्स के रूप मे हमारे पास उपलब्ध हो गई है, आप जब चाहें तब ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं लेकिन इसके फ़ायदों के साथ-साथ कुछ सावधानियों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। हर क्षेत्र की तरह, इस क्षेत्र में भी धोखाधड़ी का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। शिक्षित उपभोक्ता के साथ भी ऑनलाइन धोखाधड़ी बड़े पैमाने पर होती हैं हर साल यह धोखाधड़ी का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, किसी उपभोक्ता का 500-800 तो किसी का 2-4 हजार तो किसी उपभोक्ता का 15-20 हजार से ज्यादा की धोखाधड़ी होती है, लेकिन ज्यादातर लोग इसके खिलाफ कार्रवाई ही नहीं करते हैं और चुप रहते हैं। इस धोखाधड़ी के खिलाफ कार्रवाई के लिए सौ में से एकाध उपभोक्ता ही आगे आता है।
हर तरफ फैला फ्रॉड वेबसाइट का जाल :- आज हम इंटरनेट के माध्यम से एक क्लिक से दुनिया भर की जानकारी प्राप्त करते हैं लेकिन इनमें से अधिकांश वेबसाइटें झूठ, व्यवहारहीन और धोखे के लिए हैं जो सिर्फ दिखावा करती है, असल में कुछ नहीं होती। आजकल कोई भी दिखावे के लिए फेक वेबसाइट बनाकर उस पर लुभावने उत्पादों की बिक्री का झांसा देते है, वे बड़े-बड़े दावे करते हैं। दस-दस हजार रुपये की वस्तु सिर्फ पांच सौ में बेचने की बात करते हैं, 95% तक डिस्काउंट ऑफ़र दिखाते है लेकिन क्या मूल ब्रांड की वह वस्तु वास्तव में पाँच सौ में मिलती है? इस सप्ताह मैंने कुछ ऐसी ही 8-10 ई-कॉमर्स वेबसाइटों की खोज की, जो घरेलू उत्पाद वाली वस्तुएँ बेचते है, उन वस्तुओं के दाम भी बहुत कम दिखाए गए लेकिन जब मैंने उनसे संपर्क करने के लिए उनके द्वारा दिए गए नंबर पर कॉल किया तो सभी वेबसाइट के नंबर बंद बताये गये और वे ईमेल का जवाब भी नहीं देते, तो इनमें से कुछ ईमेल आईडी गलत दिए गए थे, इससे समझ मे आता है कि वास्तविक स्थिति क्या होगी, फिर भी हजारों उपभोक्ता हर दिन ऐसी वेबसाइटों पर ख़रीददारी करते हैं, फंसते है और धोखा खाते है। पिछले महीने मेरे एक मित्र ने नामांकित कंपनी की घड़ी बहुत ही सस्ते दाम पर एक ऐसे ही फर्जी वेबसाइट से खरीदी लेकिन जब वह वस्तु घर में आई, तो उस घड़ी के बजाय, घड़ी के बॉक्स में कचरा भरा मिला, अक्सर कई लोगों के साथ ऐसा होता है लेकिन लोग इस धोखाधड़ी के खिलाफ कार्रवाई ही नहीं करते हैं यही कारण है कि धोखाधड़ी का यह कारोबार इतना चल रहा है।
सोचें, समझें और फिर खरीदे :- एक बात हमेशा ध्यान रखें कि हमारी गलती का नतीजा ही हमारे साथ धोखा है, तो ऑनलाइन ख़रीददारी करते समय सावधान रहें, हमेशा शॉपिंग के लिए ई-कॉमर्स की प्रतिष्ठित वेबसाइटों से ही ख़रीददारी करें, भ्रामक विज्ञापनों से बचें, बिना सोचे समझे किसी भी लिंक पर क्लिक न करें, खासकर उन लिंक पर जो सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं। किसी उत्पाद के बहुत सस्ते या भारी छूट होने के पीछे का रहस्य जानने की कोशिश करें, व्यक्तिगत बैंकिंग जानकारी किसी के साथ साझा न करें, सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी देने या साझा करने से बचें, ऑनलाइन वस्तु खरीदते समय नीति नियम, शर्तें जान लें, और उनकी ईमेल आईडी, संपर्क नंबर की जांच करें साथ ही दिए गए पते को ऑनलाइन मैप से वेरीफाई करें, नई अनजान वेबसाइटों से उत्पाद खरीदने से बचें।
वेब एड्रेस यूआरएल ध्यान से देखें, सुरक्षित इंटरनेट कनेक्शन की जाँच करें, सभी पेमेंट विकल्प देखें, आजकल किसी प्रतिष्ठित कंपनी, बैंक या सरकारी वेबसाइट की हूबहू नकल करके फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को ठगा जाता है, स्किम के तहत पैसे, भारी छूट या इनाम का लालच देकर फर्जी वेबसाइट लिंक ईमेल या मैसेज द्वारा भेजी जाती है। लालच बुरी चीज है, ऑनलाइन ख़रीददारी करते समय विशेष ध्यान रखें। ऑनलाइन भुगतान के लिए हमेशा आधिकारिक वेबसाइट या बैंकिंग मोबाइल ऐप का उपयोग करें, इंटरनेट से कनेक्ट होने के लिये एक सुरक्षित माध्यम का उपयोग करें, अच्छे सुरक्षित गुणवत्तापूर्ण ब्राउजर का उपयोग करें। इस तरह की सावधानी के बाद भी, अगर आप ठगे जाते हैं, तो तुरंत शिकायत दर्ज करें।
जिम्मेदार बनें और जागरूक रहें :- जब भी आप ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार होते हैं तो याद रखें कि आपके न्याय के लिए प्रशासन और कई सहायक संगठन तैयार हैं, सबसे पहले, अपने देश के गृह मंत्रालय के नेशनल साइबर क्राइम रिपोटींग पोर्टल https://cybercrime.gov.in/ हेल्पलाइन नंबर 155260 को भेट दें और दिए गए निर्देशों के अनुसार अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करें। यहां प्रत्येक राज्य के नोडल साइबर सेल अधिकारी और शिकायत अधिकारी का नाम, संपर्क नंबर, ईमेल आईडी दी गई है। इसके अलावा, हर शहर में पुलिस विभाग के तहत साइबर सेल होता है जहां से आपको मदद मिल सकती है। यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक ग्राहक अपने अधिकारों के बारे में जागरूक हो।
उपभोक्ता अपने हक प्राप्ति हेतु शिकायत के लिए संपर्क करें :- देश का कोई भी नागरिक किसी भी प्रकार के उपभोक्ता के स्वरूप में धोखा खाता है, तो न्याय के लिए संपर्क करें। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, केंद्र सरकार की वेबसाइट :- http://www.ncdrc.nic.in/ ईमेल आईडी :- ncdrc@nic.in संपर्क क्रमांक :- 01124608801. देश के सभी जिला स्तरीय उपभोक्ता मंचों की सूची :- http://www.ncdrc.nic.in/districtlist.html पर उपलब्ध है और जिससे आप अपने जिला फोरम से संपर्क कर सकते हैं। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत) वेबसाइट :- http://nationalconsumerhelpline.in/ टोल फ्री नंबर :- 1800114000 या 14404 पर संपर्क करे, इसके अलावा मोबाइल ऐप्प और एसएमएस सेवा के माध्यम से भी संपर्क किया जा सकता है।
जागो ग्राहक जागो वेबसाइट :- http://www-jagograhakjago.com टोल फ्री नंबर :- 1800114424 और ईमेल आईडी :- jagograhakjagohelpline@gmail.com। कॉन्फोनेट (देश में उपभोक्ता मंचों का कम्प्यूटरीकरण और नेटवर्किंग) :- www.cms.nic.in यह ऑनलाइन वेबसाइट, ग्राहक से संबंधित सभी मामलों की अद्यतन जानकारी प्रदान करती है।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986, उपभोक्ता संरक्षण नियम, 1987, भारतीय मानक ब्यूरो नियम, 1991, उपभोक्ता कल्याण निधि नियम, 1992, ग्राहक संरक्षण विनियम, 2005, उपभोक्ता संरक्षण विनियम, 2018, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 हैं। वस्तु खरीदते समय उसकी कीमत, उत्पाद निर्माण व समाप्ति की तारीख, नियम व शर्तें, उत्पाद मिश्र सामग्री, वजन और अन्य कारकों को ध्यान से देखें। यह आवश्यक नहीं है कि जो चीज सस्ती है वह अच्छी गुणवत्ता की नहीं है और यदि वह महंगी है तो वह अच्छी है, इस तथ्य का सबसे अच्छा उदाहरण जेनेरिक दवाएँ हैं, इसलिए केवल कीमत से उत्पाद की गुणवत्ता का न्याय न करें, बस जागरूक रहें और एक जिम्मेदार उपभोक्ता बनें।
प्रितम भि. गेडाम


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ