Subscribe Us

उम्मीद मत छोड़ो


✍️प्रसूनिका रस्तोगी

मुस्कुराना और अपने ग़मों को छुपाना भी एक  कला है,

मन की मन  घुटना पर चेहरे पर ना लाना, ये भी क्या भला है,

सबसे  हँस कर मिलना ,दिल का हाल न बताना, ये भी एक बड़ी बला है,

ऐसा नाम,पैसा,शौहरत भी क्या कि जान ही ले ले,

ऐसी भी क्या चकाचौंध कि ईमान ही ले ले।

 

कुछ कदम उठाने से पहले उसने पता नहीं क्या स्मरण किया होगा, 

माँ और पिता सब के बारे में ज़रूर सोचा होगा,

पता नहीं किस किस पीड़ा से वो गुज़र रहा होगा,

उसकी एक- एक सांसों में न जीने की इच्छा को समेट रहा होगा,

जीवन से नाउम्मीद हो चुका होगा, और कुछ तो डर रहा होगा,

अपनी जान लेने की हिम्मत को मजबूत कर रहा होगा,

मौत किसी को नहीं बख्शती सबको एक समान ही है रखती,

अमीर गरीब किसी के लिए नहीं रूकती,

इतना भी क्या तू मजबूर हुआ होगा, कि अपने जीवन को ख़त्म करने का सोचा होगा।

 

एक बार अपने दर्द को किसी से बाँट लिया होता, तो ऐसा न होता,

जीवन के कुछ खूबसूरत पलों में उम्मीद को तो ढूंढता, तो ऐसा न होता

कुछ समय अपनों की मुस्कान के लिए सोचता, तो ऐसा ना होता, 

इसका उनपर क्या असर होगा एक बार सोचा तो होता,

अभी कुछ नहीं बिगड़ा, ये सोच के और हिम्मत करता,

मेहनत,धैर्य  से सब सही करने का सोचा  तो होता,

अपनों के लिए और उनके जीवन में अपने महत्व को समझा तो होता।  

 

ऐसे हताश हो कर जीवन को समाप्त करना सही नहीं,

जब तुम ने अपने आप को जीवन दिया नहीं तो इसको ख़तम करने का भी तुमको कोई हक़ नहीं,

उठ जाओ, खुली हवा में सांस लो और अच्छे पलों को सोच कर जीवन में सकारात्मकता लाओ,

अपनी टूटी हुई उम्म्मीदों को समेट फिर से खड़े हो दिखलाओ,

अपने मन की वेदना को अपनों से साझा कर कुछ सुझाव पाओ,

और अपने जीवन में फिर से खुशियाली लाओ,

जिंदगी बहुत खूबसूरत है, उसको दिल से जी जाओ

 

*बैंगलोर

 


अपने विचार/रचना आप भी हमें मेल कर सकते है- shabdpravah.ujjain@gmail.com पर।


साहित्य, कला, संस्कृति और समाज से जुड़ी लेख/रचनाएँ/समाचार अब हमारे वेब पोर्टल  शाश्वत सृजन पर देखेhttp://shashwatsrijan.com


यूटूयुब चैनल देखें और सब्सक्राइब करे- https://www.youtube.com/channel/UCpRyX9VM7WEY39QytlBjZiw 




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ