Subscribe Us

शिक्षक ज्ञानपुंज से अपने, इन्सां उसे बनाते हैं



✍️डॉ अ कीर्तिवर्धन

दीप जलाकर शिक्षा के, जो शिक्षित राष्ट्र बनाते हैं,

माली बनकर बच्चों के, भटकने से सदा बचाते हैं।

क्या है धर्म, राष्ट्र क्या होता, क्या अपना कर्तव्य,

बूंद बूंद में सार भरा है, जो शिक्षक हमें पढाते हैं।

मात पिता की सेवा करना और बुजूर्गों का सम्मान,

भारत की संस्कृति में क्या, शिक्षक ज्ञान दिलाते हैं।

वेद ऋचायें अनन्तकाल से, ब्रह्मांड के राज समेटे,

गूढ रहस्य कैसे खुलते, व्याख्या कर समझाते हैं।

माता जन्म देकर बच्चे को, इस धरती पर लाती है,

शिक्षक ज्ञानपुंज से अपने, इन्सां उसे बनाते हैं।

नमन करूँ हरपल गुरूवर को, जिसने जीवन वार दिया,

निज इच्छायें, परिवार भूलाकर, समर्थ राष्ट्र बनाते हैं।


अपने विचार/रचना आप भी हमें मेल कर सकते है- shabdpravah.ujjain@gmail.com पर।


साहित्य, कला, संस्कृति और समाज से जुड़ी लेख/रचनाएँ/समाचार अब नये वेब पोर्टल  शाश्वत सृजन पर देखेhttp://shashwatsrijan.com


यूटूयुब चैनल देखें और सब्सक्राइब करे- https://www.youtube.com/channel/UCpRyX9VM7WEY39QytlBjZiw 



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ