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आई बारिश



✍️अनुज पांडेय


आई बारिश,
गर्मी में शिशिर की
पूरी ख्वाहिश।


मिट्टी में नमी
सूर्य देव छिप गए
दौड़ में गर्मी।


आई मुस्कान
कृषकानन पर,
रोपता धान ।


सभी हर्षाए,
आफ़त में है गर्मी
किधर जाए?


हर्षित मन
भीगते उपवन
आया सावन।


जड़ें सिंचित
पाकर बारिश को
पेड़ हरित।


*पड़ौली,गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)


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