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मिस्र की साम्राज्ञी नेफरटीटी 3500 वर्ष पहले जो नारी विमर्श की पहचान बन गई



इतिहास के गर्त में कई बार बहुत महत्वपूर्ण घटनाएँ,दस्तावेज और शासक बड़े मानीख़ेज़ और सुनियोजित तरीके से दफना दिए जाते हैं ।मिस्र की सर्वाधिक शक्तिशाली,विलक्षण सुंदरी और विवादास्पद साम्राज्ञी नेफरटीटी के बारे में यही सवाल आज लगभग 3500 साल के बाद उठ खड़े हुए हैं ।मिस्र के पुरातन इतिहास के पन्नों से आखिर क्यों इस साम्राज्ञी की सत्ता को लगभग मिटा दिया गया और क्यों शाही परँपरा की परवाह न कर उस्की ममी को भी नष्ट किया गया। इस सवाल का जवाब खोज निकाला काहिरा की पुरातत्वविद डॉ जोएन फ्लेचर ने। स्विट्ज़रलेंड में उनसे मेरी मुलाकात ने ही मुझे मिस्र जाने की ओर प्रेरित किया।
मिस्र के लक्सर शहर के विशाल रेगिस्तान अमाना में “वैली ऑफ़ द किंग्स” देखना मेरे लिए एक अभूतपूर्व घटना थी। बहुत ही भव्य दृश्य सामने था। ऊँचे ऊँचे  रेत के विशाल टीले, उनमें से गुजरती  हवा किसी डरावनी फिल्म के दृश्य सी हू हू करती बदन को कंपकंपा  रही थी। इसी घाटी में तीन हजार पाँच सौ वर्षों से रेत के थपेड़ों को झेलती अपने शानदार रोमांचकारी जीवन को समेटे मानो किसी चुंबकीय शक्ति से मुझे अपनी ओर खींच रही थी मिस्र की  साम्राज्ञी नेफरटीटी की ममी । नीचे  सुरंगनुमा गहराई में जाती सीढ़ियों से उतर कर जहाँ नेफरटीटी की ममी थी अब वह जगह खाली थी। ममी इजिप्ट संग्रहालय में स्थानांतरित कर दी गई थी।


कौन थी नेफरटीटी


मिस्र का वह सबसे अराजकता भरा समय था ।  सम्राट साम्राज्ञी टॉय के साथ मौज-मस्ती में राजकाज की थकान उतारा करता था । उसके हरम में 500 औरतें थी जो सम्राट की बाँदी, रखैल और पत्नी के रूप में रहती थीं। इन्हीं में से एक रखेल ने नेफर्टीटी को जन्म दिया। लिहाजा नेफर्टीटी का बचपन महल के रीति-रिवाजों,कायदे कानून के बीच आराम से गुजरने तो लगा पर अपनी विलक्षण प्रतिभा, अद्भुत सोच और अथाह सौंदर्य की वजह से वह महल की तमाम लड़कियों के लिए ईर्ष्या का विषय बन गई। साम्राज्ञी टॉय ने उसकी इस विलक्षण प्रतिभा का लाभ उठाकर अपने बेटे एखेनाटन से उसका विवाह कर दिया । वह जानती थी कि एखेनाटन भी अपने पिता के समान ऐयाशियों में डूबा हुआ है और वह राज्य नहीं संभाल पाएगा। मिस्र में सगे भाई बहनों में विवाह शुभ माना जाता है फिर नेफरटीटी तो सौतेली थी। 
मिस्र के लोग सूर्य के उपासक थे और उन्होंने सूर्य देवता के दो संप्रदाय बनाए थे । कायनेक के उपासक और आटन के। दोनों ही संप्रदायों के बीच बहुत अधिक मतभेद था ।एखेनाटन की राजकाज के प्रति विरक्ति ओर विलासिता देख नेफरटीटी ने आगे बढ़कर राजकाज संभाला। उसने एकता लाने के लिए सूर्य देवता के दोनो स्वरूप कायनेक और आटन को अलग अलग पूजने वाले संप्रदायों को एक कर दिया ।क्योंकि इन्हीं दोनों संप्रदायों की वजह से धार्मिक तनाव और आपसी फूट बनी रहती थी और मिस्र में अराजकता रहती थी। विवाह के तुरंत बाद उसने कायनाक के मंदिरों को तोड़कर वहां आटन देवता के मंदिरों के निर्माण की राज आज्ञा जारी कर दी लेकिन यह धर्म पर भारी चोट थी। उनके धर्म गुरुओं ने इसका विरोध किया और यह भी कहा कि सम्राट के रहते नेफरटीटी कौन होती है उन्हें आज्ञा देने वाली ??,
लेकिन अपने विशाल हरम में दिन-रात रंग रेलियों में डूबे सम्राट के हाथ से सत्ता सरक कर कब नेफर्टीटी के कुशल हाथों में पहुँच गई किसी को पता ही नहीं चला । नेफरटीटी ने मिस्र की राजधानी अमाना में स्थानांतरित कर ली और पुरानी मान्यताओं परंपराओं को मिटाकर एक नए युग की शुरुआत की।  धार्मिक एकता की स्थापना कर वह एक स्वतंत्र शक्तिशाली औरत के रूप में उभरी और मिस्र के इतिहास पर छा गई ।वह सिंहासन पर सम्राट की बराबरी से बैठती थी। वह युद्ध में भाग लेती थी और दरबार के कामकाज में पूरी तन्मयता से सक्रिय रहती थी। सम्राट की मृत्यु के बाद नेफरटीटी ने और भी अधिक कुशलता का परिचय दिया राजकाज संभालने में।



कालांतर में गृह युद्ध छिड़ गया और एक विद्रोही दल  उसके खिलाफ उभरने लगा। आटन के उपासक नेफर्टिटी को देवी मानने लगे थे और उनका विश्वास था कि वही पारलौकिक जीवन में उनकी रक्षा कर सकती थी। वहीं दूसरी ओर सूर्य देवता काएनाक के उपासक नेफरटीटी को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। एक शक्तिशाली औरत की सत्ता ने उन्हें पागल बना डाला था। धार्मिक उन्माद इस कदर फैला कि  अमोन के धर्म गुरुओं के प्रतिशोध स्वरूप राजधानी अमाना की ईंट से ईंट बजा दी गई। अमाना नष्ट हुआ। 
लगातार कई वर्षों तक के इतिहास में सूर्य की तरह चमकती नेफर्टीटी का शासन खत्म हो चुका था और मिस्र के कट्टरपंथियों की साजिश से एक दिन उसे निहत्था पा उसकी हत्या कर दी गई। सौंदर्य की प्रतीक,साम्राज्ञी, देवी और मर्द की सत्ता को चुनौती देती वह दुनिया से कूच तो कर गई पर मिस्रवासियों के लिए एक सवाल छोड़ गई कि आखिर मर्द की जायदाद और गुलाम समझी जाने वाली औरत जात में से ही एक औरत नेफरटीटी कैसे पूरे मिस्र के मर्दों को पंगु बना स्वयं राज कर सकी?
हत्या तो वे कर चुके थे पर जो चिंगारी उनके दिलों में थी हत्या के बाद वह और तेजी से नफरत बन भड़कने लगी। उनका गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ था ।उन्होंने लुटेरों की तरह उसके मकबरे में प्रवेश कर उसकी ममी के चेहरे को नोच डाला।कफ़न उघाड़कर  टुकड़े-टुकड़े कर दिया और एक बांह काट कर ( मिस्र के सम्राटों की ममी में दाहिना हाथ बाएं कंधे की ओर मुड़ा रहता है) उसकी ममी पर रख दी गई और यह पहचान मिटाने के क्रूर प्रयास इसलिए किए गए ताकि इस लाश को मृत्यु के बाद भी ममी के रूप में जिंदा रहने से रोका जा सके। उन्होंने इसे धार्मिक प्रतिशोध कहा पर असल में यह एक औरत और मर्द के बीच का प्रतिशोध था। किंतु न तो वे इस महान रानी के अभूतपूर्व कार्यों को मिस्र के इतिहास से मिटा पाए और न ही ममी को। उसकी ममी को फिर से सँवारकर मिस्रवासियों ने उसकी गौरवगाथा को इतिहास के पन्नों में अमर कर दिया। राज परिवार के सभी भित्ति चित्रों में साम्राज्ञी नेफरटीटी हर चित्र के केंद्र में प्रमुखता से आंकी गई है।


*श्रीमती संतोष श्रीवास्तव, भोपाल म.प्र.


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