Subscribe Us

गरीबी शिक्षा में बाधक नहीं है



✍️प्रफुल्ल सिंह 'बेचैन कलम'

हम जिस युग में जी रहे हैं उसमे आधुनिक तकनीकी हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है जिसे सिखने या इस्तेमाल करने के लिए शिक्षा की अहमियत होती है. शिक्षा हम सभी के उज्जवल भविष्य के लिए एक बहुत ही आवश्यक साधन है. हम अपने जीवन में शिक्षा के इस साधन का उपयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं. ये तो हम हमेसा से सुनते आये हैं की शिक्षा पर दुनिया के हर एक बच्चे का अधिकार है. देश के विकास के लिए प्रत्येक बच्चे का शिक्षित होना बेहद जरुरी है। 

लेकिन हमारे देश भारत में क्या इन बातों पर अमल किया जाता है? सभी इस बात से वाकिफ हैं की भारत में गरीब लोगों की संख्या मध्यवर्गीय और अमीर लोगों की तुलना में कई ज्यादा है. इस गरीबी के कारण ऐसे कई लाख बच्चे हैं जिन्हें प्राथमिक शिक्षा भी नसीब नहीं होती और बचपन से ही उन्हें बाल श्रम के दलदल में ढकेल कर उनका मासूम सा बचपन छीन लिया जाता है। गरीबी के कारण केवल एक परिवार को ही नहीं बल्कि उस देश को भी इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है. अशिक्षित लोगों की संख्या बढ़ने से देश के उन्नति पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। 

हमारे देश की हालत को सुधारने का एक मात्र रास्ता है शिक्षा. शिक्षा लोगों की सोच को सकारात्मक बनाती है और नकारात्मक विचारों को दूर भगाती है. आज मै आपके लिए एक अनोखा विषय लेकर आई हूँ जिसके बारे में आपको जानना जरुरी है ताकि जब भी आप किसी गरीब बच्चे को शिक्षा प्राप्त ना करते हुए देखें तो आप उसे सही सलाह दे सकते हैं. उस विषय का नाम है गरीबी शिक्षा में बाधक नहीं है पर निबंध. ये निबंध अपने बच्चों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि उन्हें भी इस निबंध के माध्यम से शिक्षा के महत्व के बारे में पता चल सके। 

गरीबी एक ऐसी समस्या है जो हमारे पुरे जीवन को प्रभावित करने का कार्य करती है. गरीबी एक सामाजिक समस्या है जो इंसान को हर तरीके से परेशान करती है. इसके कारण एक व्यक्ति का अच्छा जीवन, शारीरिक स्वास्थ्य, शिक्षा स्तर आदि जैसी सारी चीजें ख़राब हो जाती है. आज के समय में गरीबी को दुनिया के सबसे बड़ी समस्याओं में से एक माना जाता है। 

गरीबी में जीवन जीने वाले व्यक्तियों को ना तो अच्छी शिक्षा की प्राप्ति होती है ना ही उन्हें अच्छी सेहत मिलती है. भारत में गरीबी देखना बहुत आम सा हो गया है क्योंकि ज्यादातर लोग अपने जीवन की मुलभुत आवश्यकताओं को भी पूरा नहीं कर सकते हैं। 

गरीबी का मुख्य कारण अशिक्षा है और अशिक्षा से अज्ञानता पनपती है. गरीब परिवार के बच्चे उच्च शिक्षा तो छोडिये सामान्य शिक्षा भी ग्रहण नहीं कर पाते हैं. शिक्षा का अधिकार सभी लोगों को है लेकिन गरीबी के कारण ऐसा नहीं हो पाता है. हमारी भारत सरकार गरीब लोगों के लिए कई सारे अभीयान चलाती है लेकिन अशिक्षित होने के कारण गरीबों तक उस अभियान की जानकारी नहीं पहुँच पाती है। 

गरीब लोगों में जागरूकता और जानकारी का अभाव तथा उनका गैर प्रगतिशील नज़रिया एक ऐसा मुलभुत कारण है जिसे गरीबी के लिए जिम्मेदार माना जाता है. जानकारी तथा जागरूकता की कमी के कारण गरीब लोग सरकारी कार्यक्रमों का लाभ उठाने में असमर्थ रहते हैं. इसलिए प्राथमिक शिक्षा भी गरीबों के लिए बहुत ही जरुरी होता है। 

गरीबी इसलिए होती है क्योंकि गरीब लोगों के 7 से 8 बच्चे होते हैं. उन्हें छोटे परिवार के फायदों के बारे में जागरूक बनाये जाने की जरुरत है. बहुत से गरीब लोगों की ये सोच रहती है की उनका बच्चा पढ़ लिख कर क्या करेगा उसके बदले अगर वो छोटी उम्र से ही ढाबों और कारखानों जैसी जगहों पर काम करेगा तो घर में दो पैसे आ जायेंगे. ये लोग तरक्की करना नहीं चाहते। 

लेकिन विद्या एक ऐसा धन है जिसे ना तो कोई चुरा सकता है और ना ही कोई छीन सकता है. यह एक मात्र ऐसा धन है जो बाँटने पर कम नहीं होता बल्कि इसके विपरीत बढ़ता ही जाता है. शिक्षा हमें जीवन में एक अच्छा चिकित्सक, इंजिनियर, पायलट, शिक्षक आदि जो भी हम बनना चाहते हैं वो बनने के योग्य बनाती है। 

बेहतर शिक्षा सभी के लिए जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत आवश्यक है. यह हममें आत्मविश्वास विकसित करने के साथ ही हमारे व्यक्तित्व निर्माण में भी सहायता करती है. आधुनिक युग में शिक्षा का महत्व क्या है ये गरीब परिवार और पिछड़ी जाती के लोगों को बताना अति आवश्यक है तभी वो अपने बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करेंगे। 

शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए बहुत सी सरकारी योजनाएं चलायी जा रही है ताकि सभी की शिक्षा तक पहुँच संभव हो. ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को शिक्षा के महत्व और लाभों को दिखाने के लिए टीवी और अखबारों में बहुत से विज्ञापनों को दिखाया जाता है क्योंकि पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में लोग गरीबी और शिक्षा की ओर अधूरी जानकारी के कारण पढाई करना नहीं चाहते हैं। 

भारत सरकार द्वारा सर्व शिक्षा अभियान 2001 से शुरू किया गया है, शिक्षा अभियान के अंतर्गत शिक्षा के स्तर को सुधारना मुख्य उद्देश्य है. इसमें मुख्य रूप से 7 वर्ष की उम्र से 14 वर्ष की उम्र तक के बच्चों को मुफ्त में प्राथमिक शिक्षा प्रदान की जाती है। 

सर्व शिक्षा अभियान का उद्देश्य सभी को शिक्षित करके उन्हें अपने पैर पर खड़ा करना है जिससे समाज का कल्याण हो सके. इसके अलावा बालक बालिका का अंतर समाप्त करना, देश के हर गांव शहर में प्राथमिक स्कूल खोलना और मुफ्त शिक्षा प्रदान करना, निशुल्क पाठ्य पुस्तकें, स्कूल ड्रेस देना, शिक्षकों का चयन करना, उन्हें लगातार प्रशिक्षण देते रहना, स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा का निर्माण करना आदि सर्व शिक्षा अभियान के उद्देश्य में शामिल हैं। बालिका छात्रों तथा कमजोरवर्गों के बच्चों पर विशेष ध्यान दिया गया है. डिजिटल दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में कम्प्यूटर शिक्षा भी प्रदान की जाएगी। 

स्कूली शिक्षा बिना अमीरी गरीबी का भेदभाव किये सभी बच्चों को मिलनी चाहिए क्योंको ये सभी के जीवन में एक महान भूमिका निभाती है. शिक्षा को प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा जैसे तिन प्रभागों में विभाजित किया गया है. शिक्षा के सभी भागों का अपना महत्व और लाभ है. प्राथमिक शिक्षा आधार तैयार करती है जो जीवन भर मदद करती है। 

माध्यमिक शिक्षा आगे के अध्ययन के लिए रास्ता तैयार करती है और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा भविष्य और पुरे जीवन का अंतिम रास्ता तैयार करती है. उचित शिक्षा भविष्य में आगे बढ़ने के बहुत सारे रास्ते बनाती है. यह हमारे ज्ञान स्तर, तकनिकी कौशल और नौकरी में अच्छी स्थिति को बढाकर हमें मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से मजबूत बनाता है। 

पहले भारत की शिक्षा प्रणाली बहुत सख्त थी और सभी वर्गों के लोग अपनी इच्छा के अनुसार शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम नहीं थे. ज्यादा पैसे लगने की वजह से विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेना बहुत कठिन था. लेकिन अब शिक्षा प्रणाली में बदलाव किये गए हैं जिससे शिक्षा में आगे बढ़ना सरल और आसान हो गया है। 

भारत सरकार द्वारा शिक्षा प्रणाली को सभी स्तर के लोगों के लिए सुलभ और कम खर्चीली बनाने के लिए कई नियम और कानून बनाये गए हैं और उन्हें लागु किया गया है. शिक्षा का पूरा तंत्र अब बदल दिया गया है। हम अब 12वीं कक्षा के बाद दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम यानि डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से अपनी पढाई घर बैठे ही पूरी कर सकते हैं. दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से हम आसानी से किसी भी बड़े और प्रसिद्ध विश्वविध्यालय में बहुत कम शुल्क पर प्रवेश ले सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों ने उच्च अध्ययन को इतना सरल और सस्ता बना दिया है की पिछड़े क्षेत्रों के लोग भविष्य में शिक्षा और सफलता तक अपनी पहुँच प्राप्त कर सकते हैं। 

शिक्षा के बहुत से लाभ होते हैं पहला तो ये की गरीबी की स्थिति को सुधारने में सक्षम होता है. शिक्षा के कारण लोगों को समाज में मान सम्मान मिलता है और इज्जत मिलता है. नौकरी के ढेरों अवसर मिलते हैं जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगता है। 

शिक्षा के कारण ही कई तरह के आविष्कार हुए हैं. इन अविष्कारों से मनुष्य का जीवन और भी आसान हो गया है. अच्छी शिक्षा की वजह से अच्छे अच्छे इंजीनियर, डाॅक्टर, वैज्ञानिक एवं व्यवसायी आदि बनते हैं, जो समाज को काफी कुछ देते हैं जिनसे अनगिनत लोगों को कई फायदे मिलते हैं। 

शिक्षा के वजह से ही व्यापार का विकास होता है और देश की आय में बढ़ोतरी होती है. अच्छी शिक्षा जीवन में बहुत से उद्देश्यों को प्रदान करती है जैसे व्यक्तिगत उन्नति को बढ़ावा, सामाजिक स्तर में बढ़ावा, सामाजिक स्वस्थ में सुधार, आर्थिक प्रगति, राष्ट्र की सफलता, जीवन में लक्ष्यों को निर्धारित करना, हमें सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूक करना और पर्यावरण समस्याओं को सुलझाने के लिए हल प्रदान करना जैसे कई सारे मुद्दों के बारे में सोचने समझने की काबिलियत प्रदान करता है.। 

समाज में भ्रष्टाचार, अशिक्षा तथा भेदभाव जैसे ऐसी समस्याएं हैं जो आज के समय में विश्व भर को प्रभावित कर रही है. इसे देखते हुए हमें इन कारणों की पहचान करनी होगी और इनसे निपटने की रणनीति बनाते हुए समाज के विकास को सुनिश्चित करना होगा क्योंकि गरीबी का सफाया समग्र विकास के द्वारा ही संभव है।

 

*लखनऊ, उत्तर प्रदेश

 


अपने विचार/रचना आप भी हमें मेल कर सकते है- shabdpravah.ujjain@gmail.com पर।


साहित्य, कला, संस्कृति और समाज से जुड़ी लेख/रचनाएँ/समाचार अब नये वेब पोर्टल  शाश्वत सृजन पर देखेhttp://shashwatsrijan.com


यूटूयुब चैनल देखें और सब्सक्राइब करे- https://www.youtube.com/channel/UCpRyX9VM7WEY39QytlBjZiw 



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ