*अतुल पाठक
चाँदनी रात हो चाँद का साथ हो
दिल की धड़कन में बस इक तेरा नाम हो
मुझे इंतिज़ार है तेरा बस इक मुलाकात हो
तेरे दीदार की वो इक रात हो
चाँदनी रात ने एहसास ये दिलाया है
इश्क़ की रंगीनियों ने अतुल को सागर बनाया है
मुझसे है मिलने आई थी उदासी चाँदनी रात
अपने सीने पर संभाला उसको मैंने सारी रात
जनपद हाथरस(उ.प्र.)
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