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यादें जीवन की



*रुपेश कुमार

(अभिनेता सुशांत सिंह की आत्महत्या पर) 

 

इतनी-सी क्या देर हो गई तुझे ,

तुम्हें आए कितना दिन हुआ ,

ऐसे कोई थोड़े जाता है भला क्या ,

ये जिंदगी कोई खेल थोड़े है ,

 

चौतीस यैवन देख चुके तुम ,

क्या इतना ही ज्यादा हो गई ,

इस छोटी-सी जिंदगी मे ,

जीवन क्यों मजबूर हूई ,

 

अभी सारा जीवन बाकी था ,

शुरुआत तो अब हुई थी ,

दूसरे की हौसला देने वाले ,

स्वयं क्यूँ तू हार गए तुम ,

 

इस नश्वर दुनिया मे तुम ,

मौत को क्यूँ दोस्त बना लिए तुम ,

अभी और अधियारा आता भी ,

इतनें मे क्यूँ हार गए तुम ,

 

जीने का सलीका सिखाने वाले ,

स्वयं सलीका भुल गए तुम ,

युवा जीवन के पायदान पे चढ़ते ,

दुनिया से क्यूँ रूठ गए तुम ,

 

सबके चेहरे पे हँसी लाने वाले ,

स्वयं डिप्रेशन मे चले गए तुम ,

इस बेखुदी दुनिया मे ,

जीवन से हार गए तुम !

*पुरानी बजार चैनपुर सीवान

 


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