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पिता



*रामगोपाल राही 

 

कितने हैं एहसान पिता के ,

गिनती करना मुश्किल है |

पिता ने  दायित्व  जो पूरे ,

किए बताना मुश्किल है ||

 

पिता घर आँगन के  आगे ,

नभ भी छोटा लगता है |

पिता के अस्तित्व के आगे ,

जग भी छोटा लगता है ||

 

गुण सूत्र पिता के होते ,

जिसे  मिटाना मुश्किल है |

रग रग में है पिता समाया ,

उसे भुलाना मुश्किल है ||

 

माता का सिंदूर पिता है ,

माता का सुहाग पिता |

जिसके ऊपर गर्व करे माँ ,

माता का सिरमौर पिता ||

 

पिता जनक है जीवन दाता ,

उसे भूलना मुश्किल है |

पिता छवि  हृदय में रहती 

वो बिसराना  मुश्किल है ||

 

नस नस फड़के पिता रक्त से 

खून उबालें भरता है |

गाली दे दे कोई पिता की ,

आंखों खून उतरता है ||

 

जन्म जन्मांतर साथ पिता का ,

रहता हरदम साथ पिता | 

लिखे नाम वहाँ नाम पिता का

पुत्र बताते नाम पिता ||

 

विद्यालय व प्रमाण पत्र में  ,

नाम पिता संग होता है |

दस्तावेज हो  शपथ पत्र ,

आत्मज लिखना होता है ||

 

सारी सृष्टि ढूँढ  -देखो ,

हित  चिंतक ना अन्य बड़ा |

आसमान सा विस्तृत होता ,

सच पिता का महत्व बड़ा ||

 

पिता आशीर्वाद से बढ़कर ,

कुछ भी जग में और नहीं |

पिता संभल स्नेह हमेशा ,

-रहे जरूरत और नहीं ||

*लाखेरी,जिला बूँदी (राज)

 


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