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डायबिटीज मधुमेह  का इलाज आयुर्वेद पद्धति से







 *डॉ अरविन्द जैन*

डायबिटीज का रोग आजकल समान्य होने के साथ-साथ एक बहुत ही गंभीर बीमारी है। और करोड़ों लोग आज इस बीमारी से पीड़ित है। भारत में डायबिटीज के मरीज पूरी दुनिया के मुकाबले सबसे ज्यादा है।और यह बीमारी तेज़ी से बढ़ती ही जा रही है। आज हमारे देश के ज्यादातर  लोगो को यही लगता है की मधुमेह की बीमारी ज्यादा मीठा और ज्यादा चीनी खाने से होती है। लेकिन ऐसा नहीं है।
हमारे शरीर में शुगर यानी ग्लूकोस ही एकमात्र ऐसा पदार्थ होता है। जो हमारे शरीर की सेल यानी की कोशिकाओं में तेजी से प्रवेश करके हमें ताकत और एनर्जी प्रदान करता है। परंतु इस शुगर को एनर्जी में बदलने के लिए हमारे शरीर में इंसुलिन का होना जरूरी है। जब भी हम खाना खाते हैं। तो हमारा पेट उस खाने में से ग्लूकोस को अलग करके खून में पहुंचाता है। और फिर यह ग्लूकोस इंसुलिन की मदद से खून से होकर हमारे शरीर की कोशिकाओं में पहुंचता है। हमारे पेट के नीचे पेनक्रियाज यानी की अग्नाशय होता है। जो हमारे शरीर में इंसुलिन पैदा करने का मुख्य स्त्रोत होता है। और अगर यह पैंक्रियास ठीक तरह से काम नहीं करता है। तो शरीर में इंसुलिन बनना कम हो जाता है।
जिसके कारण खून में मौजूद शुगर कोशिकाओं में नहीं जा पाती है। और वह खून में ही रह जाती है। और फिर यह शुगर धीरे धीरे जमा होकर बढ़ती ही जाती है। जिससे हमारा शुगर लेवल हाई हो जाता है। और फिर हमें डायबिटीज की बीमारी हो जाती है। कुछ स्थितियों में पैंक्रियास बिल्कुल ही काम करना बंद कर देता है। इस वजह से शरीर में इंसुलिन बनना पूरी तरह से ही रुक जाता है। ऐसी स्थिति डायबिटीज टाइप वन को जन्म देती है।
जो लोग हेल्थी भोजन करते हैं। और अच्छी जीवनशैली जीने के साथ-साथ शारीरिक एक्सरसाइज भी करते हैं। उनका हमेशा पैंक्रियाज यानी की अग्नाशय हमेशा स्वस्थ बना रहता है। और वह लोग चाहे जितना भी मीठा खा ले। उन्हें शुगर की बीमारी नहीं होती है। बॉडी में मौजूद शुगर जब एनर्जी में कन्वर्ट नहीं होती है। तो हमारे शरीर धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है। जल्दी थकान हो जाती है। और कभी-कभी वजन भी घटने लगता है। इसके अलावा शुगर में वृद्धि होने पर ज्यादा प्यास लगती है। और मुँह एवं आँखे भी सूखने लगती है।
आंखों में सूखापन के कारण धीरे धीरे नजरें भी खराब होने लगती है। इसके अलावा बार बार पेशाब जाना पड़ता है। और शरीर में शुगर के कारण पेशाब में भी शुगर अधिक निकलती है। जिससे कई बार जलन की परेशानी भी होने लगती है। डायबिटीज होने पर हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म और इम्यून सिस्टम यानी की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बहुत कमजोर पड़ जाती है। जिससे अक्सर घबराहट होने लगती है। और शरीर में कुछ और बीमारी बुखार या फिर किसी तरह की चोट लग जाती है। तो उसे ठीक होने में बहुत समय लगता है।
शुगर की बीमारी बहुत ही गंभीर और खतरनाक बीमारी है। इसी कारण से इसे कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। और अपने साथ दूसरी कई तरह की बीमारियां लेकर आती है। जैसे कि ब्लड प्रेशर, ब्रेन स्ट्रोक, किडनी का ख़राब होना, आंखों में अंधापन, हार्ट प्रॉब्लम,आदि यह सब बीमारियां अपने आप में और बड़ी और जानलेवा दोनों है। इसलिए जब भी डायबिटीज हो की शिकयत हो तुरंत उपचार करे।
या इसके लक्षण भी दिखाई दे। तो उसको बहुत गंभीरता से लेना चाहिए। और इसके इलाज में बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरतना चाहिए। ज्यादातर लोग डायबिटीज में केवल दवाइयां और इंसुलिन पर निर्भर हो जाते हैं। मगर केवल दवाई खाने से इस बीमारी के कॉम्प्लिकेशंस नहीं बचा जा सकता है। इसलिए खानपान में सावधानी बरतने के साथ-साथ कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खे का भी इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि यही नुस्खे होते हैं। जो सीधे बीमारी की जड़ पर असर करते हैं। और साथ ही इनसे बहुत तेजी से परिणाम प्राप्त होते हैं।
इस लेख के माध्यम से कुछ बहुत ही असरदार और कामयाब घरेलू नुस्खे के बारे में बताने वाला हु। जिसकी मदद से आप बहुत ही आसानी से अपने शरीर में शुगर लेवल को कंट्रोल में रख सकेंगे। और साथ ही डायबिटीज की समस्या को हमेशा के लिए खत्म कर पाएंगे। डायबिटीज के लिए जो सबसे पहला घरेलू नुस्खा है।
वह है, गुड़हल के पत्ते, गुड़हल का पेड़ बहुत ही सामान्य होता है। यह आपको किसी भी गार्डन नर्सरी में बहुत ही आसानी से मिल जाएगा। इसके अंदर लाल कलर का फूल उगता है। और यह पेड़ दिखने में बहुत साधारण होता है। गुडहल जितना साधारण दिखता है। उससे कहीं ज्यादा गुना अद्भुत इसके फायदे हैं। इसलिए इसका इस्तेमाल कई तरह की दवाइयों और कॉस्मेटिक्स में किया जाता है।
इस नुस्खे को बनाने के लिए गुड़हल के 8 से 10 पत्तों को अच्छी तरह पीसकर इसकी एक चटनी बना ले। फिर एक गिलास पानी में तीन से चार चम्मच चटनी को अच्छी तरह मिलाकर रात भर के लिए रख दें। और फिर सुबह उठकर खाली पेट इस घोल का सेवन करें। गुड़हल के पत्तों में फेरिलिक एसिड पाया जाता है। जो डायबिटीज की बीमारी में बहुत ज्यादा कारगर होता है। अगर आप उसके का 15 दिन लगातार इस्तेमाल करते हैं। तो आप देखेंगे की शुरुआत की केवल 10 दिन में ही आपका शुगर लेवल बहुत अच्छी तरह सही हो जाएगा।
और 15 दिनों में तो पूरी तरह कंट्रोल हो जाएगा। इसके अलावा एक और बहुत ही असरदार नुस्खा  है। वह है सहजन के पेड़ के पत्ते, यह भी एक बहुत ही आसानी से मिल जाने वाला पेड़ है। इस पेड़ में एक तरह की फली लगती है। जिसको सुरजने की फली भी कहा जाता है। इस नुस्खे को बनाने के लिए एक गिलास पानी के साथ एक कटोरी ताजी सहजन की पत्तियों को डालें। और फिर इसे मिक्सर में चला कर इसका जूस तैयार कर ले। फिर इस जूस का सेवन प्रतिदिन खाना खाने के आधा घंटा पहले करे।
और साथ ही इस जूस को लेने के 1 घंटे तक किसी भी दवाई का सेवन ना करें। मतलब जिस टाइम आप अपनी दूसरी दवाइयां लेते हैं। से कम से कम 1 घंटे पहले या 1 घंटे बाद ही इसका सेवन करना है। सहजन के पत्तों के अंदर एस्कोरबिक एसिड पाया जाता है। जो हमारे शरीर में इंसुलिन की मात्रा को प्राकृतिक रूप से तेजी बढ़ाता है। जिससे हमारा ब्लड शुगर लेवल कम होता है। और जो लोग रोजाना इंसुलिन के लिए इंजेक्शन या दवाई ले रहे हैं। उनके लिए यह प्राकृतिक इंसुलिन की तरह है। इसमें फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है।
जिससे यह हमारा मेटाबॉलिज्म और इम्यून सिस्टम मजबूत करता है। और हमारे शरीर में कमजोरी को दूर करके ताकत प्रदान करता है। इस दिन का नियमित सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज को जड़ से खत्म किया जा सकता है। इसके अलावा एक और नुस्खा है। इसे बनाने के लिए आपको जरूरत होगी तेजपत्ता और बेल के पत्ते की। भारत में ज्यादातर शिव भगवान को बेल के पत्ते चढ़ाए जाते हैं।
इसलिए आपको किसी भी शिव मंदिर के बाहर आसानी से मिल जाएंगे। इसके अलावा हमें जरूरत होगी जामुन की जामुन हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कम करता है। जामुन और जामुन के बीच दोनों ही पुराने समय से डायबिटीज के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाली सबसे असरदार औषधि है। इसलिए जब भी जामुन का मौसम आये। तब रोजाना जामुन का सेवन जरूर करें। और उसके बाद इसके बीज बचा ले। ताकि उसके बीजों का इस्तेमाल पूरे साल भर किया जा सके। इसके अलावा हमें जरूरत होगी मेथी दाने की। दोस्तों मेथी दाने का इस्तेमाल पर डायबिटीज में बहुत ही अच्छा होता है।
इसलिए मेथी दाने का इस्तेमाल डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। इस नुस्खे  को बनाने के लिए बेल के पत्तों और जामुन के बीजों को धूप में रखकर अच्छी तरह सुखा लें। और पूरी तरह सूख जाने के बाद इन्हें मिक्सर में अच्छी तरह चलाकर दोनों का पाउडर बना लें। इसके बाद 100 ग्राम जामुन के बीज में डेढ़ सौ ग्राम बेल के पत्तों का पाउडर मिलाएं। फिर इसमें 50 ग्राम सूखे हुए तेजपत्ता मिलाये। फिर 50 ग्राम मेथी दाने का पाउडर मिलाएं। इस तरह से इन सारी चीजों को मिलाकर एक चूर्ण तैयार हो जाएगा।
अब आप इस चूर्ण को रोजाना रोजाना नाश्ता करने से 1 घंटे पहले गुनगुने पानी के साथ सेवन करे। बेलपत्र के अंदर एंटीबायोटिक प्रॉपर्टी इस होती है। जो कि शरीर में शुगर की मात्रा को कम करती है। इसके अलावा जामुन के अंदर भी एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज पाई जाती है। और साथ ही इसमें अधिक मात्रा में फाइबर होता है। जो डायबिटीज में चमत्कारी तरीके से फायदेमंद साबित होता है। यह नुस्खा पुराने समय से शुगर की बीमारी के लिए लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाता आ रहा है।और डायबिटीज की बीमारी को खत्म करने के लिए सबसे असरदार नुस्खा है। डायबिटीज की बीमारी शरीर में शुगर यानी की मीठापन बनने से होती है। और किसी भी चीज को खत्म करने के लिए उसकी विपरीत यानी की उल्टी चीज का इस्तेमाल किया जाता है। इसी प्रकार मीठे का विपरीत कड़वा होता है। इसलिए शरीर में शुगर को कम करने के लिए कड़वी चीजों का इस्तेमाल बहुत ही ज्यादा तेजी से असर दिखाता है।
जिसके लिए करेला, नीम, मेथी, और एलोवेरा यह सारी चीजें सबसे प्रमुख मानी जाती है। करेला एक ऐसा पेड़ होता है। जिसकी जड़ से लेकर फल तक सारी चीजों का इस्तेमाल अनेक तरह की दवाइयों में होता है। करेले में इतने गुण पाए जाते हैं। कि डॉक्टरों ने इसे प्लांट इंसुलिन का नाम दिया है। करेले के अंदर विटामिन बी १  बी २  और विटामिन सी पाया जाता है।
और इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व हमारे शरीर में ब्लड शुगर और यूरिन शुगर दोनों को बहुत तेजी से कम करते हैं। जिससे ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन की समस्या में भी बहुत लाभ मिलता है। इसलिए करेले का जूस रोजाना एक टाइम जरूर पीना चाहिए। इसके अलावा अगर आप करेले का जूस नहीं पी सकते है। तो इसके बीजों को सुखाकर उसका पाउडर बनाकर भी ले सकते हैं। यह भी बहुत असरदार होता है। या फिर इन सारी चीजों को मिलाकर एक पाउडर तैयार कर सकते हैं। जो कि डायबिटीज को बहुत ही तेजी से खत्म करने में  हमारी मदद करेगा।
इसके लिए आपको जरूरत होगी। मेथी दाने का पाउडर, करेले के बीज का पाउडर, नीम के पत्तों का पाउडर, और आंवले का पाउडर, 2 चम्मच आंवले के पाउडर में एक चम्मच करेले के बीज का पाउडर मिलाकर एक चम्मच मेथी दाने का पाउडर मिलाएं। इसके बाद इसमें आधा चम्मच नीम का पाउडर मिलाकर इसका एकचूर्ण तैयार कर ले। आप चाहे तो इसी अनुपात में इस चूर्ण को अधिक मात्रा में भी बनाकर रख सकते हैं। फिर इस चूर्ण का इस्तेमाल दिन में एक बार या सुबह खाली पेट कर सकते है।इस चूर्ण को चाहे तो पानी में मिलाकर पिया जा सकता है।
या फिर सूखा खाकर ऊपर से भी पानी पिया जा सकता है। हालांकि यह चूर्ण स्वाद में थोड़ा कड़वा होता है। परंतु इसके फायदे बहुत ही अद्भुत है। जीभ   से इसका कड़वापन हटाने के लिए इसे लेने के तुरंत बाद जुबान पर थोड़ा सा नमक या नींबू रख ले। ऐसा करने से मुंह के अंदर के कड़वापन का एहसास तुरंत चला जाता है। और मुंह का स्वाद भी ठीक हो जाता है। अगर आप इस नुस्खे का इस्तेमाल रोजाना करते हैं।
तो आप देखेंगे कि समय के साथ-साथ आपको डायबिटीज की दवाइयां लेना ही बंद हो जाएगी। और आपका शुगर लेवल हमेशा संयमित रहेगा। इसके अलावा एक और बहुत ही कारगर नुस्खा है। जिसमे आपको किसी भी चीज को खाने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए 1 से 2 किलो करेले का जूस बनाकर 1 लीटर गुनगुने पानी में मिलाकर इसे एक तब या एक बाल्टी में डाल दें। और फिर इसमें अपने दोनों पैर 20 से 30 मिनट डूबा कर रखें।
इस जूस की मात्रा इतनी होना चाहिए, कि हमारे दोनों पैर लगभग डूब जाए। और फिर दोनों पैरों को इस में डूबा कर उसी तरह चलाते रहे। जिस तरह पैर धोने पर चलाया जाता है। ऐसा अगर 20 से 30 मिनट तक किया जाए तो करेले का कड़वापन हमारे पैरों की स्क्रीन पर से होकर हमारे शरीर में पहुंच जाता है। और थोड़ी देर बाद इसका कड़वापन हमें हमारे मुंह के अंदर भी महसूस होने लगता है।
ऐसा करने से बढे हुए ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल में तुरंत राहत मिलती है। इसलिए इस नुस्खे का इस्तेमाल हफ्ते में दो से तीन बार जरूर करना चाहिए। इसके अलावा भोजन में ज्यादा से ज्यादा हाई फाइबर यानी कि ज्यादा रेशेदार फल सब्जी और अनाज का इस्तेमाल करें। और साथ में कम से कम मीठे खाद्य पदार्थो का सेवन करे।
इसलिए चीनी और चीनी के इस्तेमाल से बनी गई चीजों का सेवन बिल्कुल ना करें। अगर मीठा खाने का मन करे तो प्राकृतिक मिठास वाले फलों का ही सेवन करें। जैसे किआम , पपीता, केला, अनार, पाइनापल, संतरा आदि। किसी भी बीमारी को खत्म करने के लिए अगर आप घरेलू नुस्खा इस्तेमाल करते हैं। तो बहुत आवश्यक है कि उसके साथ एक सकारात्मक सोच यानी की पॉजिटिव थिंकिंग जुड़ी रहे। कहने का मतलब यह है। कि रोजाना मुश्किल नुश्को का इस्तेमालन करना और खाने पीने में परहेज करते समय हमारे मन में बुरी भावना नहीं होनी चाहिए।
क्योकि इस तरह की भावना से हम किसी भी बीमारी का इलाज अच्छे तरह से नहीं कर पाते हैं। और उल्टा स्ट्रेस लेकर बीच में ही सब छोड़ देते हैं। जिससे वह बीमारी एक लेवल और बढ़ जाती है। डायबिटीज की बीमारी में दिमागी संतुलन बना रहना बहुत आवश्यक होता है। क्योंकि कई बार तो केवल टेंशन लेने से ही हमारा शुगर लेवल बढ़ जाता है। इसलिए कोशिश करें। कि अपने जीवन में कम से कम चीजों का टेंशन ले।और खुद के दिमाग में पॉजिटिव भावना और दिल खुश रखने की कोशिश किस करें।
मधुमेह की समस्या का घरेलू उपचार करना काफी लाभप्रद होता है। यदि आप बाजारू दवाइयों का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं। तो मधुमेह से जुड़ी समस्या मे इसके कई प्रकार के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। अतः आप कोशिश करें कि जब भी आप मधुमेह की समस्या से परेशान हो तो घरेलू उपचार के माध्यम से शरीर के अंदर होने वाले मधुमेह की समस्या को समाप्त करें.यहाँ एक बात और बताना चाहूंगा यदि आप अपनी जीवन शैली प्राकृतिक रूप से अपनाएंगे तो निश्चित रूप से आपको आराम मिलेगा हर रोग का इलाज़ हमारे आस पास उपलब्ध है बर्शते आप उन पर भरोसा रखे .                             

 

*डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन, संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104  पेसिफिक ब्लू, नियर डी मार्ट ,होशंगाबाद रोड भोपाल ४६२०२६ मोबाइल 09425006753





 





















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