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प्रेम के प्याले ने (कविता)


*डॉ .अनिता सिंह**

 





सम्भाल रखी है तेरी तस्वीर

दिल के तहखाने में।
धुँधली नहीं होने दी है
तेरी यादों को
वक्त के पैमाने में।
जाने कितने नाम
जेहन में आकर चले गये
पर तेरे नाम की रोशनाई
मिटने नहीं दी है
तेरी यादों ने।
अधूरे ख्वाबों को
छिपा रखा है
दिल के बंद दरवाजे में।
तेरी पुरानी यादें
अभी भी कैद हैं
दिल के तहखाने में।
बनाना चाहती तुम्हें कृष्ण
पता नहीं तुम बने कि नहीं
पर मुझे राधा बना दिया
तेरे प्रेम के प्याले ने।

*डॉ .अनिता सिंह,बिलासपुर छत्तीसगढ़




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