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 अभिलाषा (कविता)


*अशोक तिवारी*

 

रघुनंदन का अभिनन्दन हो,

         घनश्याम का धाम रहे मन में।

शिव शक्ति की भक्ति प्रचंड, अखंड

         सदा अविराम रहे मन में।।

धन धान्य मिले,न मिले हमको,

          सुख शांति समान रहे मन में।

हम काल से आंख मिला के जियें,

           इतना अभिमान रहे मन में।।

 

*अशोक तिवारी,अहमदाबाद

 


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